Police Recruitment: सॉल्वर के सहारे दरोगा बने अभ्यर्थियों पर कसा शिकंजा, कई और चयनितों का होगा सत्यापन

यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा 2020-21 में सॉल्वर की मदद से सब इंस्पेक्टर बनने वाले अभ्यर्थियों के खिलाफ कार्रवाई तेज हो गई है। फिंगरप्रिंट जांच में फर्जीवाड़ा पकड़े जाने पर तीन और अभ्यर्थियों पर एफआईआर दर्ज हुई है। इससे पहले चार पर कार्रवाई हो चुकी है, और सत्यापन जारी है।

Amroha

Police Recruitment: पुलिस भर्ती परीक्षा 2020-21 में सॉल्वर के जरिए सब इंस्पेक्टर बनने वाले अभ्यर्थियों पर शिकंजा कसता जा रहा है। यूपी Police Recruitment एवं प्रोन्नति बोर्ड की जांच में फिंगरप्रिंट नहीं मिलने पर तीन और अभ्यर्थियों पर एफआईआर दर्ज की गई है। आगरा की ज्योति, गोरखपुर के घनश्याम जायसवाल और महाराजगंज के सुधीर गुप्ता के खिलाफ यह कार्रवाई की गई। इससे पहले चार सब इंस्पेक्टर पर कार्रवाई हो चुकी है। बताया जा रहा है कि अन्य चयनित अभ्यर्थियों का भी सत्यापन किया जाएगा। भर्ती प्रक्रिया के दौरान सॉल्वर की मदद लेने वाले उम्मीदवारों को चिह्नित करने के लिए विशेष जांच कमेटी बनाई गई थी, जिसने फर्जी तरीके से चयनित अभ्यर्थियों के खिलाफ कठोर कदम उठाए।

फिंगरप्रिंट से खुला फर्जीवाड़ा

2020-21 में आयोजित Police Recruitment परीक्षा में सॉल्वर की मदद से दरोगा, प्लाटून कमांडर और अग्निशमन द्वितीय अधिकारी के पदों पर चयनित हुए उम्मीदवारों का सत्यापन किया गया। जांच में पाया गया कि परीक्षा देने वाले व्यक्ति और चयनित अभ्यर्थी के फिंगरप्रिंट मैच नहीं हो रहे थे। बुलंदशहर के निर्भय, एटा की मालती, अलीगढ़ के गौरव कुमार और लखनऊ के रोहित समेत कई अभ्यर्थियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।

लखनऊ के केंद्र पर हुई गड़बड़ी

लखनऊ के रोहित ने सॉल्वर की मदद से परीक्षा पास की थी। उन्होंने गुडंबा स्थित एक परीक्षा केंद्र में सॉल्वर को बैठाकर लिखित परीक्षा दी। इसी तरह, एटा की मालती और बुलंदशहर के निर्भय ने आगरा में सॉल्वर की मदद ली। इन सभी के फिंगरप्रिंट जांच में फर्जी पाए गए।

आगे की कार्रवाई जारी

जांच कमेटी अब अन्य अभ्यर्थियों का सत्यापन कर रही है। भर्ती बोर्ड का कहना है कि फर्जीवाड़े में शामिल सभी उम्मीदवारों के खिलाफ कार्रवाई होगी। यह कदम सुनिश्चित करता है कि भर्ती प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी बनी रहे।

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