तू मक्खी मैं कचरा! सोशल मीडिया पर छिड़ी सपा-बीजेपी की ‘गंदगी’ वाली जंग!

मंत्री एके शर्मा और अखिलेश यादव के बीच ट्विटर पर शब्दों का गंदा खेल, कौन फंसेगा विवाद की दलदल में? सोशल मीडिया पर एके शर्मा और अखिलेश यादव के बीच कचरा-तंज की जंग छिड़ी, आरोपों की बौछार जारी!

SP-BJP battle

SP-BJP battle: उत्तर प्रदेश की राजनीति में सोशल मीडिया ने जुबानी जंग के एक नए मोर्चे का रूप ले लिया है। हाल के दिनों में, प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री एके शर्मा और समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव एवं उनके मीडिया सेल के बीच तीखे तंज वाली जंग देखने को मिल रही है। जहां दोनों ही पक्ष सोशल मीडिया के माध्यम से एक-दूसरे पर हमला करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रहे, वहीं भाषा का स्तर भी इस दौरान सवालों के घेरे में है। मंत्री एके शर्मा और (SP-BJP battle) सपा के बीच की यह वर्चुअल लड़ाई, जो वाराणसी के कूड़ा प्रबंधन पर उठाए गए सवालों से शुरू हुई थी, अब व्यक्तिगत और राजनीतिक तंज में बदल चुकी है।

सपा का हमला – “महा भ्रष्टाचारी” से तीखी शुरुआत

इस जुबानी जंग की शुरुआत सपा मीडिया सेल के एक ट्वीट से हुई, जिसमें सपा ने एके शर्मा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा, “ये भी देख ले महा भ्रष्टाचारी, गंदगी साफ करता है या फैलाता है?” इस तंज भरे हमले के बाद सपा मीडिया सेल ने एक और ट्वीट कर कहा, “सुनो कूड़ा कचरा टाइप नकारा निर्लज्ज मंत्री जी, आपने शुरुआत की, जवाब हमने दिया, और हम भी शठे शाठ्यम समाचरेत के सिद्धांत पर चलते हैं।”

सपा ने आरोप लगाया कि मंत्री एके शर्मा का नगर विकास मंत्रालय और बिजली विभाग भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं। इसके साथ ही उन्होंने मंत्री को चेतावनी दी कि वे आगे भी हर मोर्चे पर जवाब देने के लिए तैयार हैं।

एके शर्मा का पलटवार – “मक्खी की तरह व्यवहार”

इसके बाद मंत्री एके शर्मा ने भी सोशल मीडिया पर सपा के आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने सपा के मीडिया सेल और अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए कहा कि वे मक्खी की तरह हर गंदगी से चिपकने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने वाराणसी में कूड़ा प्रबंधन को लेकर लगाए गए आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि 27 सितंबर को कुछ घंटों की देरी हुई थी, लेकिन उसी दिन कूड़ा उठवा दिया गया था।

एके शर्मा ने आरोप लगाया कि सपा जानबूझकर पुरानी तस्वीरों का इस्तेमाल (SP-BJP battle)  करके जनता को गुमराह कर रही है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि अगर अखिलेश यादव ने अपने कार्यकाल में काशी की सफाई पर ध्यान दिया होता, तो प्रधानमंत्री मोदी को खुद हाथ में झाड़ू लेकर सफाई अभियान नहीं चलाना पड़ता।

भाषा का गिरता स्तर – चिंता की बात

इस एक्स वॉर में भाषा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। जहां एक ओर सपा के हमले आक्रामक होते जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर मंत्री एके शर्मा के पलटवार भी कम तीखे नहीं हैं। दोनों ही पक्ष एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते हुए मर्यादाओं को लांघने लगे हैं।

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अब देखना यह होगा कि सोशल मीडिया पर यह जुबानी जंग कहां जाकर रुकती है और इसका क्या राजनीतिक असर देखने को मिलता है।

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