Sambhal: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक सौतेले पिता ने अपने दो मासूम बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार किया। यह घटना तब उजागर हुई जब बच्चों को पड़ोसियों ने टॉयलेट में बंद पाकर बाहर निकाला। बच्चों ने पुलिस के सामने अपने दर्द भरे अनुभव सुनाए, जिससे समाज में इस अमानवीयता के खिलाफ गहरी नाराजगी फैल गई है। बच्चों के साथ हुई यह घटना विधवा मां रेखा की मौत के बाद की है। रेखा की शादी महेश नामक व्यक्ति से हुई थी, जिसने रेखा के बच्चों को भी अपने साथ रखा। लेकिन पिछले डेढ़ महीने से रेखा का अचानक निधन हो जाने के बाद, महेश ने बच्चों के प्रति अपने दुष्कृत्यों की शुरुआत की। बच्चों शौर्य और सौरभ के साथ लगातार मारपीट करने और उन्हें टॉयलेट में बंद करने का आरोप महेश पर लगा है।
पड़ोसियों की मदद से मिली सुरक्षा
सूत्रों के अनुसार, महेश ने पहले तो बच्चों को तीन दिन तक भूखा रखा और फिर उन्हें टॉयलेट में बंद कर दिया। बच्चों को न केवल शारीरिक रूप से पीटा गया बल्कि उन्हें मानसिक रूप से भी अत्याचार का सामना करना पड़ा। उनके साथ इस बर्बरता को सहन करने की शक्ति खत्म हो गई थी। जब पड़ोसी लोगों ने बच्चों की स्थिति देखी, तो वे तुरंत मदद के लिए आगे आए। पड़ोसियों ने मिलकर बच्चों को बंदीगृह से बाहर निकाला और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की।
7 साल के इस मासूम बच्चे को सौतेले पिता महेश ने 3 दिन तक भूखा–प्यासा बाथरूम में बंद रखा। उसकी पिटाई की। आंख पर चोट के निशान हैं। मामा ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस घर पहुंची और बच्चे को छुड़ाकर अस्पताल भिजवाया। आरोपी महेश को कस्टडी में लिया।
📍जिला संभल, उत्तर प्रदेश pic.twitter.com/rbIqtWyaEA— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) November 2, 2024
बच्चों के मामा संजीव सैनी को इस घटना की जानकारी दी गई। संजीव, जो अपनी बहन की मृत्यु के बाद बच्चों के प्रति महेश के व्यवहार से अवगत थे, थाने पहुंचे और Sambhal पुलिस से शिकायत की। पुलिस ने बच्चों से बात की, जहां उन्होंने अपने सौतेले पिता की क्रूरता की कहानी सुनाई। एक बच्चे के शरीर और चेहरे पर पिटाई के निशान भी मिले, जो उनके दर्दनाक अनुभव की पुष्टि करते हैं।
पुलिस की कार्रवाई और समाज की जागरूकता
बच्चों के रोने की आवाज सुनकर Sambhal पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और महेश को गिरफ्तार कर लिया। एएसपी श्रीशचंद्र ने बताया कि हयातनगर थाना पुलिस को सूचना मिली थी कि दौलतपुरी गांव में मासूम बच्चों के साथ उनके सौतेले पिता के द्वारा अत्याचार किया गया है। संजीव की शिकायत पर पुलिस ने तुरंत मुकदमा दर्ज किया और आरोपी को हिरासत में लिया। बच्चों ने पुलिस से कहा, “पुलिस अंकल, हमारे सौतेले पापा ने हमें पीटकर टॉयलेट में बंद रखा और तीन दिन तक भूखा रखा। अब हम अपने मामा के साथ जाना चाहते हैं लेकिन सौतेले पापा के पास नहीं।” बच्चों का यह बयान उनके मानसिक तनाव और भय का स्पष्ट चित्रण करता है।
अपने आप को फेक IPS बताकर कर ली शादी, सच सामने आने पर टूटा रिश्ता
महेश के पड़ोसियों ने भी इसकी पुष्टि की कि वह बच्चों के साथ रोजाना मारपीट करता था। यह अत्याचार केवल शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी बच्चों पर गहरा प्रभाव डाल रहा था। Sambhal पुलिस ने पीड़ित बच्चों से पूछताछ करने के बाद उनकी सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं। यह घटना समाज में जागरूकता फैलाने का कार्य करेगी, ताकि ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई हो सके और बच्चों के खिलाफ होने वाले इस तरह के अपराधों को रोका जा सके। बच्चों की कहानी सिर्फ एक उदाहरण है, बल्कि यह पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है कि हमें अपने आस-पास के बच्चों की सुरक्षा और कल्याण के प्रति जागरूक रहना चाहिए।