Subesh kumar singh: उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक सुबेश कुमार सिंह का मंगलवार की रात निधन हो गया। 68 वर्षीय सुबेश सिंह, जो लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे थे, का अंतिम संस्कार बुधवार को वाराणसी में किया गया। उनके निधन से आईपीएस समुदाय में शोक की लहर दौड़ गई है। सुबेश सिंह का जन्म 3 जनवरी 1956 को भागलपुर में हुआ था। उन्होंने बॉटनी में मास्टर डिग्री प्राप्त की और 1984 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी बने। अपने करियर के दौरान, उन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया और अपराध नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
Subesh kumar singh ने अपने करियर की शुरुआत उत्तर प्रदेश के पिथौरागढ़ जिले में कप्तान के रूप में की थी। इसके बाद उन्होंने मऊ, जौनपुर, देहरादून, फैजाबाद और गोरखपुर में एसपी के रूप में कार्य किया। 1997 में, उन्हें उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एसएसपी का चार्ज मिला। इस दौरान, वह अपनी योजनाबद्ध कार्यशैली के लिए जाने जाते थे, लेकिन एक घटना ने उन्हें उग्र बना दिया। गैंगस्टर श्रीप्रकाश शुक्ला के खिलाफ एक मुठभेड़ में आरके सिंह, जो कि एसएसपी के पेशकार थे, की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद सुबेश सिंह ने शपथ ली थी कि वह श्रीप्रकाश शुक्ला को खत्म करने तक चैन से नहीं बैठेंगे।
श्रीप्रकाश शुक्ला के खात्मे के लिए, Subesh kumar singh ने पुलिस मीटिंग में यह स्पष्ट किया कि वह तब तक नहीं रुकेंगे जब तक कि वह उसे मिट्टी में नहीं मिला देते। इसके तुरंत बाद, उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें श्रीप्रकाश शुक्ला को पकड़ने के लिए एसटीएफ का गठन किया। महज छह महीने के भीतर, एसटीएफ ने शुक्ला को मार गिराया। इस सफलता के बाद सुबेश सिंह ने एसटीएफ में डीआईजी का पद संभाला और अपराधियों के खिलाफ कई सफल अभियानों का संचालन किया।
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सुबेश सिंह का करियर कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य करते हुए संपन्न हुआ, जिसमें एडीजी, डीजी ईओडब्ल्यू, और राज्य सूचना आयुक्त शामिल थे। रिटायरमेंट के बाद, उन्होंने कई न्यायिक आयोगों में सदस्य के रूप में कार्य किया, जिनमें प्रयागराज में माफिया डान अतीक-अशरफ की हत्या का मामला भी शामिल है। उनकी विदाई पर, पूर्व आईपीएस ओपी सिंह ने कहा कि सुबेश कुमार सिंह ने ईमानदारी, दयालुता, और वफादारी की एक अनूठी विरासत छोड़ी है।
Subesh kumar singh का निधन उनके परिवार और IPS समुदाय के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनके कार्यों ने उत्तर प्रदेश पुलिस के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया है, और उनकी याद हमेशा उनके सहयोगियों और समाज के लोगों में जीवित रहेगी। उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा, और उनके द्वारा किए गए कार्यों की प्रेरणा आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मार्गदर्शक होगी।