Swami Prasad on Mandir-Masjid: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी (RSPS) के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री Swami Prasad Maurya ने मंगलवार को भाजपा पर तीखा हमला किया। मौर्य ने विवादित बयान देते हुए भाजपा को चेतावनी दी कि मस्जिदों में मंदिर तलाशना बंद कर दें, नहीं तो भविष्य में मंदिरों में बौद्ध मठ तलाशे जाएंगे। मौर्य का यह बयान तब आया जब वह मैनपुरी के किशनी विधानसभा क्षेत्र के कुसमरा में शोक संवेदना व्यक्त करने पहुंचे थे। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाया कि वह देश के धर्मनिरपेक्षता को नुकसान पहुंचाने के लिए हिंदू-मुस्लिम विवादों का राजनीतिक इस्तेमाल कर रही है।
मस्जिदों में मंदिर खोजने की धमकी
Swami Prasad Maurya ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर मस्जिदों में मंदिर खोजने का सिलसिला जारी रहा, तो इसके परिणाम बहुत खतरनाक हो सकते हैं। मौर्य ने आगे कहा, “अगर मस्जिदों में मंदिर तलाशने की कोशिश जारी रहेगी तो लोग मंदिरों में बौद्ध मठ तलाशना शुरू कर देंगे। इतिहास गवाह है कि कई महत्वपूर्ण हिंदू तीर्थ स्थल पहले बौद्ध तीर्थ स्थल थे, जैसे बद्रीनाथ, केदारनाथ, जगन्नाथ पुरी और रामेश्वरम। इन स्थानों को हिंदू धर्म में बदल दिया गया है, तो अगर मस्जिदों में मंदिर खोजे जाएंगे तो मंदिरों में बौद्ध मठ खोजने की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी।”
मौर्य ने इस संदर्भ में सम्राट अशोक के समय का जिक्र किया और पूछा कि सम्राट अशोक द्वारा बनाए गए 84,000 बौद्ध स्तंभ कहां गए। उनका आरोप था कि इन्हीं बौद्ध स्तंभों को तोड़कर मंदिरों का निर्माण किया गया। उनका यह बयान भाजपा के द्वारा मस्जिदों को हिंदू धर्म से जोड़ने के प्रयासों को चुनौती देने के रूप में देखा जा रहा है।
Mainpuri, Uttar Pradesh: Swami Prasad Maurya, President of the Rashtriya Shoshit Samaj Party, says, "Altogether, both the central and state governments have failed miserably on all issues. In the country, millions of youth have become unemployed. Since the 'Double Engine'… pic.twitter.com/izfeM6r9J6
— IANS (@ians_india) December 11, 2024
धार्मिक विवादों के जरिए ध्यान भटकाने का आरोप
Swami Prasad Maurya ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि सरकार देश की जनता को हिंदू-मुस्लिम विवादों में उलझाकर अपनी नाकामियों से ध्यान भटका रही है। उन्होंने कहा, “सरकार बेरोजगारी, महंगाई, कानून व्यवस्था, और आरक्षण जैसे मुद्दों से बचने के लिए हिंदू-मुस्लिम जैसे विवादों का सहारा ले रही है। यह एक राजनीतिक साजिश है ताकि जनता की असली समस्याओं से ध्यान हटा दिया जाए।” मौर्य ने यह भी कहा कि सरकार जाति जनगणना और संविधान जैसे मुद्दों पर बहस नहीं होने दे रही और धर्म के आधार पर राजनीति कर रही है।
मौर्य ने सरकार के खिलाफ यह भी कहा कि वह देश की मूलभूत समस्याओं पर जवाबदेही से बचने के लिए धार्मिक मुद्दों को हवा दे रही है। उन्होंने सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि इसके बजाय सरकार को बेरोजगारी, महंगाई और कानून व्यवस्था जैसे असली मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। मौर्य ने भाजपा पर यह भी आरोप लगाया कि वह हिंदू-मुस्लिम विवादों को बढ़ाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही है, ताकि जनता उनकी असफलताओं पर सवाल न उठाए।
धार्मिक स्थलों की स्थिति को स्वीकार करें
Swami Prasad Maurya ने कहा कि देश में अमन चैन और सामाजिक सौहार्द बनाए रखने के लिए यह जरूरी है कि 15 अगस्त 1947 के बाद से धार्मिक स्थलों की जो स्थिति रही है, उसे स्वीकार किया जाए। मौर्य ने यह भी कहा कि देश की समृद्ध संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सभी धर्मों के अनुयायी—हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसी—को एक साथ मिलकर देश को आगे बढ़ाना चाहिए।
मौर्य का यह बयान न केवल भाजपा की राजनीति पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि यह धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक सौहार्द की आवश्यकता को भी रेखांकित करता है।