लखनऊ। बलेबाज हो तो ऐसा, जो क्रीज पर उतरते ही छा जाए। जिसे सामने देखकर गेंदबाजों के पसीने छूट जाए। जो एक निडर योद्धा की तरह 22 गज की पिच पर उतरे और क्रिकेट का बाहुबली बन जाए। क्रिकेट की हिस्ट्री में ऐसे अनेकों खिलाड़ी हुए, जिन्होंने बल्ले से जमकर गदर काटी और अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करवराया। लेकिन हम आपको अपने इस खास वीडियो में एक ऐसे क्रिकेटर से रूबरू कराने जा रहे हैं, जिसे भविष्य का वीरेंद्रर सहवाग कहा जाता है। यूपी के बैटर को फैंस टीम इंडिया का दूसरा हिटमैन के नाम से पुकारते हैं। यूपी का छोरा अपने बल्ले से इस कदर कहर बरपा रहे, जिसे देख रिंकू सिंह भी मुस्करा रहे हैं। सुरेन रैनी भी खुलकर कह रहे हैं लोग रहो गुरू, तूम भविष्य के होगी वीरू।
कहते हैं पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं और यूपी के बल्लेबाज स्वास्तिक चिकारा की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। वो जब छोटे थे तो उन्हें कुछ और नहीं, खेलने के लिए पिता से बस बल्ला चाहिए होता था। मतलब क्रिकेट के लिए जुनून बचपन से ही भूत बनकर सवार था। जैसे-जैसे बड़े होते गए ये जुनून भी हद पार करता गया. और, फिर 16 साल की उम्र में वो पड़ाव भी आया, जब उन्होंने 52 छक्कों वाली पारी से वर्ल्ड रिकॉर्ड बना डाला। इतना ही नहीं चिकारा ने महज 167 गेंदों में 585 रन बना डाले। क्रिकेट के मैदान में दर्शक स्वास्तिक को भारत का डॉन ब्रेडबैन के नाम से पुकारने लगे। स्वास्तिक ने यूपी टी 20 लीग जमकर कोहराम मचाया। दूसरे सीजन के पहले ही मैच में स्वास्तिक चिकारा ने 6 छक्के जड़ दिए। उन 6 छक्कों के साथ उन्होंने 26 गेंदों पर ऐसा विस्फोट किया कि उनके कप्तान रिंकू सिंह के चेहरे पर मुस्कान तो बिखरी ही, टीम ने भी जीत का चोला पहन लिया।
यूपी टी 20 लीग के पहले शतकवीर स्वास्तिक चिकारा ने 2021 में सिर्फ 16 साल की उम्र में दुनिया को तब चौंकाकर रख दिया था, जब उन्होंने 52 छक्कों के दम पर सिर्फ 167 गेंदों में 585 रन ठोक डाले थे। चिकारा ने ये पारी 19वें बलिदानी रामप्रसाद बिस्मिल ओपन क्रिकेट टूर्नामेंट में खेली थे। इस पारी को खेलकर उन्होंने साउथ अफ्रीका के शेन डैड्सवेल का रिकॉर्ड तोड़ा था, जिन्होंने 2017 में 50 ओवर के मैच में 490 रन जड़े थे। इस रिकॉर्ड को बनाने वाले स्वास्तिक चिकारा दुनिया के सबसे युवा बल्लेबाज भी हैं। स्वास्तिक चिकारा ओपनर बल्लेबाज हैं। वह वीरेंद्र सहवाग की तरह विस्फोटक बल्लेबाजी करते हैं। वह वीरू की तरह खेलते हैं और स्पिन गेंदबाजी भी करते हैं। स्वास्तिक चिकारा ने यूपी टी 20 लीग में सबसे ज्यादा रन बवाने वाले खिलाड़ी बने थे। स्वास्तिक चिकारा ने घरेलू टीमों के खिलाफ भी कई शतक जड़े हैं। उन्होंने एक मुकाबले में सिर्फ 80 गेंदों पर 140 रन बनाए थे। स्वास्तिक चिकारा क्रीज पर उतरते ही गेंदबाजों पर टूट पड़ते हैं।
स्वास्तिक चिकारा खिलाड़ियों के खानदान से ताल्लुक रखते हैं। उनके दादा स्प्रिन्टर थे, वहीं पिता शॉट पुटर और लंबी दूरी के धावक। चिकारा के पिता दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल पद पर तैनात हैं। बेटे में क्रिकेट का जुनून देखने के बाद पिता सुरेंदर चिकारा ने उसका दाखिला क्रिकेट एकेडमी में कराया। लेकिन, वहां की ट्रेनिंग से जब उनका मन नहीं भरा तो उन्होंने अपने बेटे को खुद से ट्रेनिंग देने का फैसला किया। पिता के उस फैसले का ही नतीजा है कि स्वास्तिक चिकारा की पहचान आज एक ऐसे बल्लेबाज के तौर पर कायम हो चुकी है, जिसके आगे गेंदबाज पानी मांगते दिखते हैं। गाजियाबाद के अट्टौर नगला गांव के रहने वाले क्रिकेटर स्वास्तिक चिकारा का आईपीएल में चयन हुआ था।. दिल्ली कैपिटल ने स्वास्तिक चिकारा को 20 लाख रुपए में खरीदा था।. महज 18 साल की उम्र में स्वास्तिक ने आईपीएल में जगह बनाकर ना सिर्फ परिवार का बल्कि गाजियाबाद का भी नाम रोशन किया।
मीडिया से बातचीत के दौरान स्वास्तिक ने बताया था कि 5 साल की उम्र से उनका क्रिकेट का सफर शुरू हुआ था। उनके पिता की भी क्रिकेट में काफी रुचि थी। पिता उन्हें क्रिकेट खिलाया करते थे, जिसके बाद क्रिकेट में स्वास्तिक की रुचि बढ़ती गई। 10 साल की उम्र में जिला स्तर पर आयोजित होने वाले क्रिकेट टूर्नामेंट में भाग लेना शुरू कर दिया। फिर प्रदेश स्तर पर आयोजित होने वाली विभिन्न क्रिकेट प्रतियोगिताओं में भाग लिया। स्वास्तिक बताते हैं कि जब से उन्होंने होश संभाला है तब से वह हर दिन तकरीबन 8 घंटे फील्ड में क्रिकेट की प्रैक्टिस करते हैं। शुरुआत में एहसास नहीं होता था कि मेहनत और लगन इस मुकाम तक ले आएगी। लेकिन बीते कुछ सालों में खुद की परफॉर्मेंस देखकर भरोसा हो गया था कि आने वाले वक्त में एक बड़ा मुकाम हासिल कर लूंगा।
सितंबर 2023 में आयोजित हुई यूपी टी 20 लीग में स्वास्तिक चिकारा ने मेरठ मेवरिक्स की तरफ 585 रन की रिकॉर्ड पारी खेल कर खूब सुर्खियां बटोरी थी। अप्रैल 2017 में स्वास्तिक चिकारा ने 138 बालों में 356 रन बनाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड हासिल किया था। 40 ओवरों में उन्होंने 48 चौके और 42 छक्के मारे थे। स्वास्तिक के नाम लगातार 9 वालों में 9 छक्के मारने का रिकॉर्ड भी है। क्रिकेटर चिकारा बताते हैं कि उन्होंने क्रिकेट में अपनी परफॉर्मेंस को बेहतर बनाने के लिए अपनी सोशल लाइफ को पूरी तरह से होल्ड पर डाल दिया। कहीं आना जाना पूरी तरह से बंद कर दिया था। अचानक कई बार परफॉर्मेंस बीच में खराब हुई तो बहुत ज्यादा निराशा होती थी, लेकिन पिता ने हौसला दिया और यही कहा कि जरूरी नहीं है कि क्रिकेट ही तुम्हारे लिए सब कुछ है जिंदगी में कई रास्ते और भी हैं।