Terror of wolves : मादा भेड़िया आकी आवाज़ सुनकर खिंचा चला आएगा भेड़िया, वन विभाग ने बनाया फुल प्रूफ प्लान

बहराइच में छठे भेड़िए का आतंक अभी भी बरकरार है, और तमाम कोशिशों के बावजूद उसे पकड़ने में सफलता नहीं मिली है। इस बार वन विभाग ने एक पुख्ता योजना बनाई है, जिससे आदमखोर भेड़िए को पकड़ना आसान हो सकता है। विभाग मादा भेड़िए की आवाज का इस्तेमाल करेगा, ताकि वह भेड़िया आवाज सुनकर जाल में फंस सके।

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नई दिल्ली :  जिले में चल रहे ऑपरेशन भेड़िया के तहत वन विभाग लगातार प्रयास कर रहा है। अब तक पांच भेड़ियों को पकड़ने में सफलता मिली है, लेकिन छठा आदमखोर भेड़िया अभी भी हमले कर रहा है।

इसे पकड़ने के लिए वन विभाग ने एक नई योजना बनाई है, जिसके तहत मादा भेड़िए की चीखने और रोने की ‘प्री रिकॉर्डेड’ आवाज लाउडस्पीकर के जरिए बजाई जा रही है। डीएफओ के अनुसार, भारी बारिश के कारण गांव में पानी भर गया है, जिसके चलते भेड़िया कहीं छिपा हुआ है। जैसे ही पानी का स्तर घटेगा और खेत सूखेंगे, भेड़िया शिकार के लिए बाहर निकलेगा और तब उसे पकड़ने की कोशिश की जाएगी।

महसी तहसील में आदमखोर भेड़िया दहशत का कारण बना हुआ है, और वन विभाग उसे पकड़ने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। विभिन्न स्थानों पर पिंजड़े लगाए गए हैं, खेतों में जाल बिछाया गया है, और ड्रोन से निगरानी की जा रही है, लेकिन भेड़िया अब तक पकड़ा नहीं जा सका है। अब विभाग ने पिंजड़ों के पास साउंड सिस्टम लगाया है, जिसमें मादा भेड़िए की ‘प्री रिकॉर्डेड’ आवाज चलाई जा रही है, ताकि इस आवाज से आकर्षित होकर भेड़िया जाल में फंस सके।

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मादा भेड़िया की आवाज़ से पकड़ा जाएगा भेड़िया

वन अधिकारी अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि इस बार वे मादा भेड़िए की चीखने और रोने की ‘प्री रिकॉर्डेड’ आवाज का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस आवाज की तीव्रता इतनी वास्तविक रखी जा रही है कि वह असली मादा भेड़िए जैसी लगे। उम्मीद है कि यह आवाज सुनकर भेड़िया जाल की ओर आकर्षित होगा और पकड़ा जाएगा। इससे पहले भी भेड़ियों को पकड़ने के लिए हाथी की लीद, बच्चों के पेशाब से गीली ‘टेडी डॉल्स’, पटाखों और थर्मल ड्रोन जैसे साधनों का उपयोग किया जा चुका है।

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