अयोध्या के रायगंज क्षेत्र में मंदिर पर गुरुवार की सुबह कब्जे के प्रयास में बम चलने की सूचना से अचानक हड़कंप मच गया है। इस मामले में पुलिस ने दोनों पक्षों के तीन तीन लोगो को हिरासत में ले लिया है। यह पूरा मामला मंदिर पर कब्जे को लेकर हुआ है। हालांकि, अयोध्या पुलिस बमबाजी की घटना से इंकार कर रही है और तेज आवाज पटाखे के इस्तेमाल की बात कह रही है।
वहीं, इस घटना के बाद कई साधु संत अयोध्या कोतवाली पहुंचे और पूरे विवाद को सुलझाने की कोशिश शुरू कर दी। नरसिंह मंदिर के सर्वराकार और महंत रामशरण दास ने जो पुलिस को तहरीर दी है। उसके अनुसार गुरुवार की सुबह लगभग 4 बजे मंदिर के छत पर तेज आवाज सुनाई दी। जिसे सुनकर जब मंदिर में मौजूद लोग छत पर पहुंचे तो एक घुमक्कड़ साधु रामशंकर दास गाली गलौज करते हुए दहशत फैलाने लगा। वह इसके पहले भी नशे की हालत में उनके साथ गाली गलौज कर धमकाता रहा है कहता रहता है बूढ़े हो गए मंदिर छोड़कर चले जाओ नहीं तो बोरे में भरकर सरयू में प्रवाहित कर दूंगा। आपको बता दे कि राम शंकर दास इसी मंदिर में पुजारी है और पूजा पाठ में सहयोग देता है।
वहीं, सूत्रों की माने तो नरसिंह मंदिर पर वर्चस्व को लेकर पिछले दो वर्षो से विवाद चल रहा है। मंदिर के महंत रामशरण दास की उम्र इस समय 92 वर्ष हो चुकी है। इसलिए मंदिर के पुजारी रामशंकर दास समेत कुछ लोग उनको हटाकर मंदिर पर अधिकार चाहते है। इसी को लेकर यह लड़ाई गंभीर मोड़ लेती जा रही है। अयोध्या कोतवाली पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। जिसका मानना है की डराने के लिए तेज आवाज पटाखे का इस्तेमाल हुआ है।
रामशरण दास ने बताया कि 3:30 बजे के आसपास पहली आवाज सुनाई दी, कुछ देर बाद दूसरी आवाज सुनाई दी। हम लोग उठ कर गए तो देखा कि वहां एक साधु है, ‘जो चाहता है कि मंदिर में कोई ना रहे मैं अकेले रहूं’ अक्सर वह आता है और उसके साथ कुछ लोग रहते हैं और धमकाते हैं। वह मंदिर का पुजारी नहीं है, वो वहां कभी-कभी आता है, लिखा पढ़त में भी वह पुजारी नहीं है लेकिन मंदिर पर कब्जा करना चाहता है।
अयोध्या के सीओ राजेश तिवारी ने बताया ने अपने बयान में कहा कि पुलिस को सूचना मिली थी कि नरसिंह मंदिर के सामने पटाखा जैसी आवाज आई थी। इस सूचना पर तत्काल पुलिस मौके पर गई और दोनों पक्षों को पकड़ कर थाने लाया गया और विधिक कार्रवाई की जा रही है।