Unnao case: 2017 के चर्चित उन्नाव दुष्कर्म मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट ने सेंगर की उम्रकैद की सजा को निलंबित करते हुए उन्हें सशर्त जमानत दी थी, जिसके खिलाफ सीबीआई ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी। सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी, जिसका अर्थ है कि सेंगर फिलहाल जेल में ही रहेंगे। इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए सेंगर की छोटी बेटी इशिता सेंगर ने सोशल मीडिया पर एक भावुक और लंबा पोस्ट साझा किया है। उन्होंने अपनी पोस्ट में “पहचान के कारण भेदभाव” और 8 साल के लंबे इंतजार के बाद टूटे भरोसे का जिक्र किया है।
To
The Hon’ble Authorities of the Republic of India,I am writing this letter as a daughter who is exhausted, frightened, and slowly losing faith, but still holding on to hope because there is nowhere else left to go.
For eight years, my family and I have waited. Quietly.…
— Dr Ishita Sengar (@IshitaSengar) December 29, 2025
"लड़की हूँ, लड़ सकती हूँ " , धन्यवाद उन्नाव। 🙏🏼 #AssemblyElections2022 #Unnao #KuldeepSinghSengar #UPElections2022 #Results pic.twitter.com/zEMMvbBs4s
— Aishwarya Sengar (@SengarAishwarya) March 13, 2022
मुख्य बातें: क्या है पूरा मामला?
Unnao case मामले की गंभीरता और कानूनी पेच को समझने के लिए नीचे दिए गए बिंदुओं को देखें:
हाई कोर्ट का फैसला: दिल्ली हाई कोर्ट ने 23 दिसंबर को सेंगर को इस आधार पर जमानत दी थी कि वह 7 साल से अधिक जेल में बिता चुके हैं और एक विधायक ‘लोक सेवक’ (Public Servant) की श्रेणी में नहीं आता (POCSO एक्ट के तहत)।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी: शीर्ष अदालत ने हाई कोर्ट की ‘लोक सेवक’ वाली व्याख्या पर कड़ी आपत्ति जताई। कोर्ट ने कहा कि अगर विधायक लोक सेवक नहीं है, तो क्या सिर्फ एक सिपाही ही इस दायरे में आएगा?
बेटी इशिता का पोस्ट: इशिता ने लिखा कि वह एक थकी हुई और डरी हुई बेटी के रूप में लिख रही हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या “विधायक की बेटी” होने के कारण उनकी इंसानियत और बोलने का अधिकार खत्म हो जाता है?
लोकप्रियता बनाम सच्चाई: इशिता ने तर्क दिया कि उनके परिवार ने कभी सड़कों पर शोर नहीं मचाया क्योंकि उन्हें संस्थाओं पर भरोसा था, लेकिन अब उन्हें लगता है कि उनका सच “असुविधाजनक” है।
सीडीआर का दावा: कुलदीप सेंगर ने अपनी बेटी ऐश्वर्या के जरिए जारी बयान में कहा कि कॉल डेटा रिकॉर्ड (CDR) के अनुसार वह घटना के समय वहां मौजूद ही नहीं थे।
मुकेश सेंगर का बयान (मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार)
कुलदीप सेंगर के भाई मुकेश सेंगर ने इस कानूनी लड़ाई पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि उनका परिवार न्यायपालिका का सम्मान करता है, लेकिन वे इस फैसले से बेहद आहत हैं। मुकेश सेंगर का कहना है कि, “हम पिछले कई सालों से इस लड़ाई को लड़ रहे हैं और हमें उम्मीद थी कि हाई कोर्ट के फैसले के बाद हमें कुछ राहत मिलेगी। सुप्रीम कोर्ट का फैसला हमारे लिए एक बड़े झटके की तरह है, लेकिन हम कानून की प्रक्रिया का पालन करेंगे और अपना पक्ष मजबूती से रखेंगे।”
आगे क्या होगा?
सुप्रीम कोर्ट ने Unnao case कुलदीप सेंगर को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। अगली सुनवाई में ‘लोक सेवक’ की कानूनी परिभाषा और सजा के निलंबन पर विस्तार से चर्चा होगी। फिलहाल, सेंगर जेल में ही रहेंगे क्योंकि वह पीड़िता के पिता की कस्टोडियल डेथ मामले में भी 10 साल की सजा काट रहे हैं।



