expressway construction delay:उन्नाव जिले में दो बड़े एक्सप्रेसवे निर्माणाधीन हैं, जिनसे लोगों को तेज़, सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा मिलने की उम्मीद थी। लेकिन दोनों ही परियोजनाओं की तय समय-सीमा खत्म हो चुकी है। इसके बावजूद अभी तक इन सड़कों पर आम लोगों को सफर करने का मौका नहीं मिल सका है। यही वजह है कि जिलेवासियों में नाराज़गी और निराशा बढ़ती जा रही है।
कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे शुरू होने के बाद उन्नाव से लखनऊ की दूरी महज 35 मिनट में तय होने वाली है। वहीं कानपुर के लोगों को लखनऊ पहुंचने में करीब 45 मिनट का समय लगेगा। यह एक्सप्रेसवे रोज़ाना सफर करने वालों के लिए किसी बड़ी राहत से कम नहीं होता, लेकिन फिलहाल यह राहत कागज़ों तक ही सीमित है।
कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे में कहां अटका काम
निर्माण एजेंसी भले ही एक्सप्रेसवे को लगभग पूरा बताया जा रहा हो, लेकिन लखनऊ के स्कूटर इंडिया चौराहे पर बने एलीवेटेड हिस्से में अभी भी काम बाकी है। इसी वजह से एक्सप्रेसवे को शुरू नहीं किया जा सका है।
एनएचएआई लखनऊ यूनिट के प्रोजेक्ट डायरेक्टर नकुल वर्मा के अनुसार, स्कूटर इंडिया चौराहे के पास थोड़ा सा काम शेष है। जैसे ही यह काम पूरा होगा, एक्सप्रेसवे को जनता के लिए खोल दिया जाएगा। इस एक्सप्रेसवे का निर्माण 5 जनवरी 2022 को शुरू हुआ था और इसे जुलाई 2025 तक पूरा किया जाना था।
छह लेन का आधुनिक एक्सप्रेसवे
यह छह लेन का एक्सप्रेसवे लखनऊ के शहीद पथ के पास से शुरू होकर बनी, कांथा और अमरसास होते हुए कानपुर-लखनऊ नेशनल हाईवे पर गंगाघाट क्षेत्र के कडेर पतारी गांव के पास समाप्त होता है। इसे कानपुर के उद्योग पथ से भी जोड़ा जाएगा। साथ ही उन्नाव में गंगा एक्सप्रेसवे और लखनऊ की आउटर रिंग रोड को भी इससे जोड़ा जाना है।
गंगा एक्सप्रेसवे भी तय समय से पिछड़ा
गंगा एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई मेरठ से प्रयागराज तक 594 किलोमीटर है। इसमें उन्नाव जिले का हिस्सा सबसे लंबा, करीब 104.8
किलोमीटर का है। इस एक्सप्रेसवे को दिसंबर 2025 तक पूरा किया जाना था, लेकिन अब यह संभव नहीं लग रहा है।
मुख्य अभियंता आर.के. चौधरी के अनुसार, गंगा एक्सप्रेसवे का करीब 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। कुछ अतिरिक्त कार्य बाद में मंजूर होने के कारण निर्माण में देरी हुई है। अब इसे जनवरी 2026 के अंत या फरवरी 2026 के पहले सप्ताह में शुरू किए जाने की संभावना है।
जंक्शन बने, लेकिन सफर अभी दूर
हरदोई और उन्नाव की सीमा पर आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से जुड़ा जंक्शन लगभग तैयार हो चुका है। सोनिक के पास कानपुर-लखनऊ हाईवे पर जंक्शन बन गया है, लेकिन बांगरमऊ क्षेत्र और शादीपुर गांव के पास अभी भी इंटरचेंज का काम चल रहा है।
स्थानीय निवासी डिंकू सिंह और मनोज त्रिपाठी का कहना है कि देरी और कट न मिलने के कारण अभी तक क्षेत्र की जनता को इन एक्सप्रेसवे का कोई सीधा फायदा नहीं मिल पा रहा है। अब लोगों को सिर्फ उम्मीद है कि 2026 में यह इंतज़ार खत्म होगा।
