UP Textile Park: उत्तर प्रदेश में हथकरघा और वस्त्र उद्योग के क्षेत्र में बड़े निवेश की तैयारी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्चस्तरीय बैठक में राज्य में टेक्सटाइल पार्क स्थापित करने का निर्णय लिया है। यह योजना संत कबीर के नाम पर समर्पित होगी और इसका उद्देश्य न केवल राज्य की पारंपरिक वस्त्र संस्कृति को बढ़ावा देना है, बल्कि लाखों युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना भी है। निवेश सारथी पोर्टल पर अब तक 659 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनके लिए लगभग 1,642 एकड़ भूमि की आवश्यकता है और कुल निवेश मूल्य 15,431 करोड़ रुपये अनुमानित है। इससे राज्य में करीब 22 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलने का अनुमान है। योजना के तहत पार्कों तक सड़क, बिजली और जलापूर्ति जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, साथ ही कौशल विकास पर विशेष जोर दिया जाएगा।
टेक्सटाइल पार्क की रूपरेखा और उद्देश्य
योजना के तहत UP के अलग-अलग जिलों में कम से कम 50 एकड़ भूमि पर टेक्सटाइल पार्क विकसित किए जाएंगे। इन पार्कों में प्रसंस्करण उद्योगों के लिए कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (CETP) की स्थापना अनिवार्य होगी। इसके अलावा, बाटन, जिप, लेबल, पैकेजिंग और वेयरहाउस जैसी गैर-सहायक इकाइयों के विकास की व्यवस्था भी की जाएगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल या नोडल एजेंसी के माध्यम से निवेश प्रस्तावों का शीघ्र क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए।
वैश्विक बाजार में यूपी की संभावनाएं
वर्तमान में वस्त्र और परिधान का वैश्विक बाजार तेजी से बढ़ रहा है। अनुमान है कि यह 2030 तक 23 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगा। भारत में इस क्षेत्र की सालाना वृद्धि दर 8 प्रतिशत है और उत्तर प्रदेश इस बढ़ते बाजार में निर्णायक भूमिका निभा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि UP की पारंपरिक हथकरघा और वस्त्र उत्पादों की समृद्ध धरोहर को सही दिशा में उपयोग करने पर न केवल राष्ट्रीय बल्कि वैश्विक पहचान भी सुनिश्चित हो सकती है।
रोजगार और निर्यात पर प्रभाव
2023-24 में देश से लगभग 3.5 अरब अमेरिकी डॉलर का वस्त्र और परिधान का निर्यात हुआ, जो कुल निर्यात का लगभग 9.6 प्रतिशत है। इस क्षेत्र का प्रदेश की जीडीपी में योगदान 1.5 प्रतिशत है। नई योजना के लागू होने से सीधे तौर पर लगभग 22 लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री ने युवाओं के कौशल विकास और रोजगार सृजन को इस योजना का मुख्य लक्ष्य बताते हुए अधिकारियों को तेजी से कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।