बीजेपी ने अपने सभी विधायकों को मुंबई जाने से रोक दिया है जी हाँ मुंबई में होने वाले राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन में यूपी बीजेपी के विधायक हिस्सा नहीं ले पाऐंगी। सूत्रों की मानें तो बीजेपी अपने किसी भी विधायक को मुंबई में होने वाले राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं दी है।
माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी के नौ साल के सफल कार्यकाल को देखते हुए जो महासंपर्क अभियान चल रहा है। उसे सफल बनाने की ज़िम्मेदारी सभी बूथ अध्यक्षों, मंडल, अध्यक्षों, विधायकों और सांसदों को दी गई है। जिसके चलते अगर विधायक इस महासंपर्क अभियान के दौरान मुंबई जाते हैं तो महासंपर्क अभियान रुकावट आ सकती है। जिसके चलते यूपी बीजेपी ने अपने सभी विधायकों को राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन में हिस्सा लेने से मना कर दिया है।
इनको दी महासंपर्क अभियान की ज़िम्मेदारी
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नौ साल के सफल कार्यकाल को लेकर बीजेपी 30 मई से 30 जून तक महासंपर्क अभियान चला रही है। जिसके चलते शीर्ष नेतृत्व के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री केंद्रीय पदाधिकारी प्रदेश के मुख्यमंत्री दोनों उपमुख्यमंत्री राज के मंत्री और BJP के पदाधिकारियों को इस महासंपर्क अभियान को सफल बनाने की ज़िम्मेदारी दी गई है माना जा रहा है कि 224 के आगामी लोकसभा चुनाव के लिए ये महासंपर्क अभियान बहुत ज़रूरी भी है।
बताएंगे डबल इंजन के फायदे
जिसके चलते पूरे एक महीने में BJP इस संपर्क अभियान के दौरान न केवल अपने पार्टी की सरकार के द्वारा किए गए कामों को जनता तक पहुँचाएगी। बल्कि डबल इंजन की सरकार के फायदे केंद्र की मोदी सरकार के किए गए कार्यों की समीक्षा और अपनी सरकार का रिपोर्ट कार्ड भी जनता से लेंगी। जिससे कि माना जा रहा है कि आगामी 2024 के चुनाव हाल में उम्मीदवारी भी तय करती नज़र आएगी। जिसके से एक तरफ़ महासंपर्क अभियान तो दूसरी तरफ़ इंटरनल सर्वे का भी काम तेज़ी से चल रहा है। जिसके चलते यूपी बीजेपी मिशन में 80 के लिए अपनी पूरी रणनीति के साथ दमख़म से मैदान में उतार चुकी है। इसी के चलते अपने सभी विधायकों को मुंबई में होने वाले राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन में जाने से रोक दिया है।
विधायकों और सांसदों की कितनी पक्की भागीदारी?
बीजेपी के विधायक मुंबई में राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन में जाने की तैयारी कर रहे थे। मगर महासंपर्क अभियान के चलते उसको सफल बनाने की ज़िम्मेदारी इस बार किसी मंत्री या पदाधिकारी को नहीं बल्कि क्षेत्र के सांसद और विधायकों को दी गई है। जिसके चलते पता चलेगा कि क्षेत्र में विधायकों और सांसदों की कितनी पक्की भागीदारी है और वह अपने क्षेत्र में कितने सक्रिय हैं।
पार्टी इस वक्त पूरे प्रदेश में महाजनसंपर्क अभियान चला रही है और सभी विधायकों को भी इस अभियान को सफल बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। सूत्रों का कहना है कि बीजेपी हाईकमान ने विधायकों के अभियान के बीच में जाने पर नाराजगी जताई और फिर उनके मुंबई जाने पर रोक लगा दी ।