यूपी बीजेपी अध्यक्ष की रेस में साध्वी निरंजन ज्योति सबसे आगे? नड्डा से मुलाकात ने बढ़ाई अटकलों की रफ्तार

केंद्रीय मंत्री रह चुकीं साध्वी निरंजन ज्योति की बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात ने उत्तर प्रदेश बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष की अटकलों को तेज कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक, पिछड़े वर्ग से आने वाली महिला चेहरे के रूप में उनका नाम लगभग तय माना जा रहा है।

Sadhvi Niranjan Jyoti

Sadhvi Niranjan Jyoti UP BJP President: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उत्तर प्रदेश संगठन में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ गई है। केंद्रीय मंत्री और फायरब्रांड नेता साध्वी निरंजन ज्योति की राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से हालिया मुलाकात ने इन अटकलों को हवा दे दी है कि उन्हें जल्द ही यूपी बीजेपी की कमान सौंपी जा सकती है। पार्टी सूत्रों का दावा है कि 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले महिलाओं और पिछड़े वर्ग को साधने की रणनीति के तहत साध्वी निरंजन का नाम लगभग फाइनल हो चुका है।

गुरुवार को दिल्ली में हुई इस ‘शिष्टाचार भेंट’ की तस्वीर सोशल मीडिया पर आने के बाद से ही सियासी तापमान बढ़ गया है। उनकी संगठनात्मक क्षमता और बिहार चुनावों में सक्रिय भूमिका को देखते हुए, यह बदलाव प्रदेश संगठन को नई ऊर्जा दे सकता है और विपक्ष के लिए नई चुनौती खड़ी कर सकता है।

अटकलों का दौर: महिला चेहरा या चुनावी समीकरण की तैयारी?

Sadhvi Niranjan Jyoti की यह मुलाकात सिर्फ ‘शिष्टाचार’ नहीं, बल्कि यूपी की सियासत में एक बड़े बदलाव का संकेत मानी जा रही है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, बीजेपी एक ऐसा चेहरा तलाश रही है जो ‘महिला सशक्तिकरण’ और ‘सामाजिक न्याय’ दोनों के एजेंडे को एक साथ साध सके। साध्वी निरंजन, जो ओबीसी वर्ग से आती हैं, इस मापदंड पर खरी उतरती हैं।

बिहार विधानसभा चुनावों में सह-प्रेक्षक के रूप में उनकी सफल भूमिका ने उनके संगठनात्मक कद को और बढ़ाया है। एक वरिष्ठ बीजेपी नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “साध्वी जी का अनुभव और संगठन में विश्वास उन्हें इस पद के लिए आदर्श बनाता है। 2027 के महासंग्राम से पहले यह निर्णय पार्टी के लिए बड़ा दांव होगा।”

हालांकि, इस दौड़ में केशव प्रसाद मौर्य, धर्मपाल सिंह और स्वतंत्र देव सिंह जैसे दिग्गज नेताओं के नाम भी शामिल हैं, लेकिन महिला प्रतिनिधित्व और भगवा ब्रिगेड के प्रतीक के रूप में साध्वी निरंजन का पलड़ा भारी दिख रहा है।

संघ से संसद तक का सफर: साध्वी निरंजन का प्रोफाइल

फतेहपुर की पूर्व सांसद Sadhvi Niranjan Jyoti का राजनीतिक सफर काफी संघर्षमय रहा है। 21 साल की उम्र में संन्यास लेने वाली यह नेता 2014 में मोदी सरकार में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री बनीं, और 2019 में भी मंत्री पद पर रहीं। भले ही वह 2024 के लोकसभा चुनावों में अपनी सीट हार गईं, लेकिन संगठन में उनका प्रभाव और संगठन के प्रति उनकी निष्ठा बरकरार है।

उनकी छवि पार्टी की ‘भगवा ब्रिगेड’ का एक मजबूत प्रतीक है, और यूपी जैसे बड़े व राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य में एक महिला अध्यक्ष की नियुक्ति विपक्ष को कड़ी चुनौती देने का एक स्पष्ट संदेश होगी। विपक्षी दल, विशेषकर समाजवादी पार्टी (एसपी), इस पर हमलावर हो गए हैं। एक एसपी नेता ने तंज कसते हुए ट्वीट किया कि “बीजेपी फिर नाम बदल रही है, चेहरा बदल रही है, लेकिन जनविरोधी नीतियां वही रहेंगी।”

क्या होगा अगला कदम? 10 दिसंबर तक हो सकता है ऐलान

पार्टी के शीर्ष सूत्रों का कहना है कि नए अध्यक्ष के नाम का आधिकारिक ऐलान किसी भी दिन हो सकता है, और संभवतः यह 10 दिसंबर तक फाइनल हो जाएगा। नड्डा से उनकी मुलाकात को अंतिम दौर की बातचीत का संकेत माना जा रहा है।

अगर Sadhvi Niranjan Jyoti को कमान सौंपी जाती है, तो यह यूपी बीजेपी के लिए 2027 चुनावों की तैयारी में एक रणनीतिक दांव होगा। फिलहाल, लखनऊ से लेकर दिल्ली तक सियासी माहौल गरम है, और राजनीतिक विश्लेषक इस बात पर नजर रखे हुए हैं कि क्या यह तस्वीर महज एक शिष्टाचार भेंट थी या वाकई में यूपी बीजेपी की अगली कमान का इशारा।

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