यह बातचीत जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान हुई थी। कांग्रेस ने सपा से गाजियाबाद और खैर सीटें मांगी थीं, जिसमें सपा गाजियाबाद सीट देने पर पहले ही सहमत हो गई थी, और बाद में खैर सीट भी कांग्रेस को दे दी गई थी।
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस ने सपा से गाजियाबाद और खैर सीटें मांगी थीं। सपा ने गाजियाबाद सीट पर सहमति जताते हुए यह सीट कांग्रेस को दे दी, जबकि खैर सीट को लेकर पहले कुछ असहमति थी। हालांकि, सपा ने बाद में कांग्रेस के साथ तालमेल बनाए रखने और गठबंधन को मज़बूत करने के लिए खैर सीट भी देने का निर्णय किया। यह निर्णय इस बात का संकेत था कि सपा यूपी में इंडिया गठबंधन की एकता को बनाए (UP by-election) रखने के लिए गंभीर है और सहयोगी दलों के साथ तालमेल बिठाने को प्राथमिकता दे रही है।
इस फैसले से यूपी उपचुनाव में सपा और कांग्रेस के गठबंधन की स्थिति और मज़बूत हुई है। गाजियाबाद और खैर सीटें कांग्रेस को मिलने से दोनों पार्टियों के बीच राजनीतिक समीकरण बेहतर हुए हैं, जिससे उपचुनाव में संयुक्त रूप से अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है।