UP Census 2026: तैयारियों की होगी फुल ड्रेस रिहर्सल, अक्टूबर-नवंबर में प्री-टेस्ट से परखा जाएगा सिस्टम

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UP Census 2026

UP Census 2026: उत्तर प्रदेश में होने वाली UP Census 2026 कई बदलावों के साथ आने वाली है, जिसमें तकनीक का इस्तेमाल, रियल टाइम डेटा कलेक्शन, स्वगणना की सुविधा और जाति आधारित सवाल शामिल होंगे। इन बदलावों को सही तरीके से लागू करने के लिए सरकार पूरी तरह सतर्क है। इसी क्रम में अक्टूबर-नवंबर 2025 के बीच प्रदेश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में प्री-टेस्ट के रूप में फुल ड्रेस रिहर्सल आयोजित की जाएगी। केंद्र सरकार ने यूपी को इसके लिए विशेष निर्देश दिए हैं। इस प्री-टेस्ट के जरिए न केवल डेटा कलेक्शन, सवालों और पोर्टल की कार्यप्रणाली जांची जाएगी, बल्कि अधिकारियों व कर्मचारियों के प्रशिक्षण और संभावित चुनौतियों का भी वास्तविक मूल्यांकन किया जाएगा।

डेढ़ दशक बाद बदलेगा जनगणना का स्वरूप

उत्तर प्रदेश में करीब 15 साल बाद होने वाली जनगणना इस बार पूरी तरह से तकनीक आधारित होगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर प्री-टेस्ट की तैयारियों के लिए समन्वय करने को कहा है। जनगणना आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण ने यूपी के मुख्य सचिव एसपी गोयल को निर्देश दिए हैं। प्री-टेस्ट के लिए जल्द ही केंद्र से नोटिफिकेशन जारी होगा, जिसके बाद प्रदेश भी अपनी अधिसूचना जारी करेगा। संभावित प्री-टेस्ट क्षेत्रों में बुलंदशहर के अनूपशहर तहसील के 106 गांव, बहराइच के मिहींपुरवा ब्लॉक के 54 ग्रामीण क्षेत्र और प्रयागराज के 7 शहरी वार्ड शामिल हैं।

5 लाख से ज्यादा कर्मचारी होंगे तैनात

UP Census 2026 के पहले चरण के तहत अप्रैल से सितंबर 2026 के बीच हाउस सर्वे होगा, जबकि फरवरी 2027 में जनगणना पूरी की जाएगी। इसके लिए यूपी में 5 लाख से अधिक अधिकारी-कर्मचारी लगाए जाएंगे। प्री-टेस्ट के दौरान शिक्षकों, सरकारी और अर्द्धसरकारी कर्मचारियों को संगणक व पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी दी जाएगी। साथ ही, तहसीलदार, बीडीओ, नगर आयुक्त और पालिकाओं के ईओ चार्ज ऑफिसर की भूमिका निभाएंगे। खास बात यह है कि संगणक पदों पर 25 से 50% तक महिला कर्मचारियों की नियुक्ति अनिवार्य की गई है। प्री-टेस्ट में शामिल सभी कर्मचारियों को मानदेय भी मिलेगा।

मोबाइल ऐप से होगा रियल टाइम डेटा कलेक्शन

इस बार UP Census 2026 में पहली बार मोबाइल ऐप का इस्तेमाल होगा, जिससे रियल टाइम डेटा कलेक्शन संभव होगा। नागरिकों के लिए स्वगणना की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। प्री-टेस्ट में इन तकनीकी प्रक्रियाओं की पूरी जांच होगी। हाउसहोल्ड सर्वे, प्रस्तावित सवाल, डेटा कलेक्शन, संसाधनों की उपलब्धता, कर्मचारियों का प्रशिक्षण और डेटा की गुणवत्ता की गहन समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा, फील्ड विजिट के दौरान सामने आने वाली संभावित समस्याओं का भी आकलन किया जाएगा, ताकि जनगणना-2026 के समय किसी प्रकार की बाधा न रहे।

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