UP Crackdown On Drug Mafia:उत्तर प्रदेश में नशे के अवैध कारोबार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है। सोमवार सुबह औषधि विभाग और पुलिस की संयुक्त टीमों ने जौनपुर, वाराणसी, भदोही, सोनभद्र, लखीमपुर खीरी और प्रयागराज में एक साथ छापे मारे। इस दौरान कोडीन युक्त कफ सिरप की लाखों बोतलें पकड़ी गईं, जिनका इस्तेमाल नशे के रूप में किया जा रहा था।
अधिकारियों के अनुसार Abbott, Laborate और Three-B Healthcare जैसी बड़ी कंपनियों की सप्लाई चेन के माध्यम से ये सिरप बाजार में पहुंच रहे थे। जांच में पता चला कि कई फर्म बिना डॉक्टर की पर्ची के यह सिरप नशे के आदी लोगों को लगातार बेच रही थीं। इसी आधार पर NDPS एक्ट के तहत 11 प्रमुख कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
वाराणसी बना था कोडीन का केंद्र
कार्रवाई के दौरान सबसे ज्यादा सख्ती वाराणसी में देखने को मिली, जहां 28 मेडिकल स्टोर को बंद कर दिया गया। जौनपुर में 16, भदोही में 14, प्रयागराज में 18, सोनभद्र में 12 और लखीमपुर खीरी में 10 दुकानों के लाइसेंस रद्द किए गए। कुल मिलाकर 98 फार्मेसियों के लाइसेंस खत्म कर दिए गए हैं। औषधि नियंत्रक विभाग का साफ निर्देश है कि अब राज्य में कोडीन की एक बूंद भी बिना डॉक्टर की पर्ची के नहीं बेची जा सकेगी। जो कोई नियम तोड़ेगा, उसका व्यापार तुरंत बंद कर दिया जाएगा। सभी जिलाधिकारियों को 24×7 निगरानी रखने का आदेश दिया गया है।
सरकार का स्पष्ट संदेश
मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा है कि प्रदेश को नशा मुक्त बनाने की मुहिम अब निर्णायक दौर में है। चाहे कोडीन का अवैध व्यापार हो या गांजे जैसे अन्य नशीले पदार्थों का, सरकार हर गैंग को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस बड़े अभियान से नशे के कारोबारियों को तगड़ा झटका लगा है।
लाखों बोतलों की बरामदगी से यह साफ हो गया है कि अब बिना पर्ची के कोडीन सिरप बेचना असंभव होगा। इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि दवाएं सिर्फ उन्हीं लोगों तक पहुंचें जिन्हें इसकी चिकित्सकीय जरूरत है, न कि नशे के लिए इसका दुरुपयोग करने वालों तक।
जनता की भूमिका भी अहम
सरकार ने लोगों से भी अपील की है कि वे इस लड़ाई में सहयोग करें। किसी भी संदिग्ध गतिविधि या अवैध दवा बिक्री की सूचना तुरंत प्रशासन को दें। नशा मुक्त समाज बनाना सिर्फ सरकार का काम नहीं, बल्कि जनता की जिम्मेदारी भी है।
