लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। उत्तर प्रदेश पुलिस UP POLICE का अगला डीजीपी DGP कौन होगा? .. इसको लेकर चर्चाएं सिग्नेचर बिल्डिंग, लोकभवन, मुख्यमंत्री आवास Chief Minister’s residence और विपक्षी दलों के दफ्तरों से लेकर दिल्ली तक हो रही है। सूत्रों ने दावा किया है कि यूपी सरकार UP SARKAR ने मौजूदा डीजीपी प्रशांत कुमार DGP Prashant Kumar के नाम वाली चिट्ठी केंद्र को भेज दी है। सीएम योगी आदित्यनाथ CM Yogi Adityanath चाहते हैं कि डीजीपी प्रशांत कुमार DGP Prashant Kumar को 6 माह का सेवा विस्तार मिले। डीजीपी प्रशांत कुमार DGP Prashant Kumar मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ CM Yogi Adityanath के पसंदीदा और भरोसेमंद अफसरों में से एक हैं। सीएम योगी CM YOGI की पसंद होने की वजह से वो कार्यवाहक डीजीपी DGP बन पाए थे।
प्रशांत कुमार को बरकरार रखना चाहती है सरकार
उत्तर प्रदेश पुलिस के मौजूदा डीजीपी प्रशांत कुमार का कार्यकाल 31 मई को समाप्त हो रहा है। ऐसे में सूबे में नए डीजीपी के नाम को लेकर चचाएं तेज हैं। इनसब के बीच यूपी सरकार की तरफ से डीजीपी प्रशांत कुमार को छह माह का सेवा विस्तार देने के लिए केंद्र सरकार को पत्र भेजे जाने की चर्चा चल रही है। सूत्रों के मुताबिक बीते करीब 16 माह से कार्यवाहक डीजीपी के रूप में काम कर रहे प्रशांत कुमार को राज्य सरकार बरकरार रखना चाहती है, जिसके लिए केंद्र सरकार से सेवा विस्तार देने का अनुरोध किया गया है। प्रशांत कुमार को सीएम योगी आदित्यनाथ का करीबी बताया जाता है।
केंद्र लगाएगा यूपी के डीजीपी के नाम पर मुहर
मौजूदी डीजीपी प्रशांत कुमार सीएम योगी आदित्यनाथ के पसंदीदा अफसरों में शुमार किए जाते हैं, जिसकी वजह से उनको सेवा विस्तार दिए जाने संभावना जताई जा रही है। हालांकि इस बारे में निर्णय केंद्र सरकार को लेना है। इससे पहले मुख्य सचिव रहे डीएस मिश्रा के सेवा विस्तार मिला था। सूत्रों के मुताबिक यूपी सरकार ने एक पत्र गृहमंत्रालय को भेजा है। जिसमें मौजूदा डीजीपी को सेवा विस्तार दिए जानें की मांग की गई है। हालांकि अभी गृहमंत्रालय की तरफ से इस पर निर्णय नहीं लिया गया। सूत्रों की माने तो अभी तक संघ लोक सेवा आयोग को नए डीजीपी के लिए नामों का कोई प्रस्ताव नहीं भेजा गया है।
तो मिल सकती है नई जिम्मेदारी
ऐसे में चर्चा है कि मौजूदा कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार को ही सेवा विस्तार दिया जा सकता है। वहीं, चर्चा यह भी है कि प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार न मिलने पर उन्हें रिटायमेंट के तुरंत बाद कोई ताकतवर जिम्मेदारी दी जा सकती है। उनके लिए कोई नया पद क्रिएट किया जा सकता है। बता दें, आगामी 31 मई का प्रशांत कुमार के साथ डीजी जेल पीवी रामाशास्त्री और डीजी टेलीकॉम संजय एम. तरडे भी सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इसके अलावा आईजी भारती सिंह, डीआईजी किरन यादव, डॉ. अरविंद चतुर्वेदी और तेज स्वरूप सिंह भी सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
इनका नाम भी डीजीपी की रेस में
वहीं ऐसी भी चर्चा है कि प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार न मिलने पर 1990 बैच के आईपीएस डीजी होमगार्ड बीके मौर्या और एमके बशाल को भी कार्यवाहक डीजीपी बनाया जा सकता है। इसके अलावा दलजीत चौधरी, रेणुका मिश्रा, आलोक शर्मा, राजीव कृष्ण और संदीप सांलुके को भी जिम्मेदारी मिल सकती है। सूत्र बताते हैं कि अगर प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार नहीं मिला तो बीएसएफ के डीजी दलदीत चौधरी को यूपी की कमान मिल सकती है। हालांकि दलजीत सिंह चौधरी का कार्यकाल भी 6 माह का शेष बचा है। इन नामों के अलावा आईपीएस अमताभ यश के नाम की भी चर्चा है। अमिताभ यश भी सीएम योगी के करीबी अफसर हैं।
8 आईपीएस बन चुके हैं यूपी के डीजीपी
योगी सरकार के दोनों कार्यकाल में अब तक 8 आईपीएस अधिकारी डीजीपी पद की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। 2017 में सबसे पहले सुलखान सिंह डीजीपी बने थे। उन्हें एक सेवा विस्तार भी मिला था। इसके बाद ओपी सिंह, एचसी अवस्थी, मुकुल गोयल डीजीपी बने थे, जबकि डीएस चौहान, आरके विश्वकर्मा, विजय कुमार और प्रशांत कुमार कार्यवाहक डीजीपी बने हैं।
कौन हैं आईपीएस प्रशांत कुमार
यूपी पुलिस के मुखिया प्रशांत कुमार 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। बिहार के सिवान जिला अंतर्गत हुसैनगंज प्रखंड के छाता पंचायत स्थित हथौडी गांव के रहने वाले हैं। आईपीएस प्रशांत कुमार का जन्म 16 मई 1965 को हुआ था। प्रशांत कुमार का चयन तमिलनाडु कैडर में हुआ था, लेकिन निजी कारणों के चलते साल 1994 में उन्होंने अपना ट्रांसफर यूपी कैडर में करा लिया था। प्रशांत कुमार ने अपनी तेज-तर्रार छवि के लिए अलग पहचान बनाई है। अपराध के खिलाफ उनके एक्शन पर खूब चर्चा हो चुकी है। अपने कड़क अंदाज और सिंघम टाइप मूछों के लिए भी वे खासी चर्चा में रहे हैं।