UP Election 2027: लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित भाजपा की प्रदेश स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुघ ने सख्त रुख अपनाया है। बैठक का मुख्य केंद्र मतदाता सूची का विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (SIR) अभियान रहा। नेतृत्व ने स्पष्ट किया कि जिन क्षेत्रों में मतदाता सूची को दुरुस्त करने का काम कमजोर है, वहां के मौजूदा विधायकों का टिकट काटा जा सकता है।
सीएम योगी ने चेतावनी दी कि चुनाव में जीत-हार का अंतर बहुत कम होता है, इसलिए बूथ स्तर पर टेबल लगाकर असली और फर्जी मतदाताओं का मिलान करना अनिवार्य है। पार्टी ने जनप्रतिनिधियों को अगले पांच दिनों तक सभी अन्य कार्य छोड़कर केवल वोट बढ़ाने और फर्जी नाम कटवाने के अभियान में जुटने का निर्देश दिया है।
लापरवाही का मतलब ‘चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं’
राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुघ ने बैठक में बेहद कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि जिन जिलों में एसआईआर का काम अपेक्षा से कम हुआ है, वहां यह माना जाएगा कि जनप्रतिनिधि चुनाव लड़ने की मानसिकता में नहीं हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिसे चुनाव नहीं लड़ना, वह मुख्यमंत्री या संगठन को अभी बता दे, लेकिन पार्टी के साथ धोखा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। चुघ के अनुसार, आज की गई यह मेहनत अगले 20 वर्षों के चुनावों का भविष्य तय करेगी, जिसमें विधायक से लेकर प्रधानमंत्री तक का चयन शामिल है।
फर्जी वोटरों पर कड़ा प्रहार
बैठक में फर्जी मतदान को रोकने के लिए ‘सरल ऐप’ के उपयोग पर जोर दिया गया। तरुण चुघ ने उदाहरण देते हुए बताया कि कुछ स्थानों पर एक ही मकान में 50 से 80 वोट दर्ज हैं, जो पूरी तरह संदिग्ध हैं। कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया गया है कि वे संदिग्ध नामों को चिन्हित कर ‘फॉर्म-7’ के जरिए आपत्ति दर्ज कराएं और नए पात्र मतदाताओं के लिए ‘फॉर्म-6’ भरवाएं।
बूथ स्तर पर सक्रियता की रणनीति
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन विधानसभा क्षेत्रों की सूची भी साझा की जहां काम की गति धीमी है, जिसमें लखनऊ जिला भी शामिल है। उन्होंने निर्देश दिया कि:
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हर बूथ पर मतदाता सूची की प्रतियां पहुंचाई जाएं।
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बूथों पर टेबल लगाकर सक्रियता बढ़ाई जाए।
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26 दिसंबर की समयसीमा को अंतिम मानकर कार्य किया जाए।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक ने भी कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए कहा कि UP Election 2027 की जीत का रास्ता इसी मतदाता सूची से होकर गुजरता है। पार्टी का लक्ष्य न केवल आगामी विधानसभा चुनाव जीतना है, बल्कि आने वाले दशकों के लिए एक पारदर्शी चुनावी आधार तैयार करना है।
