लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। सीएम योगी आदित्यनाथ दो टूक शब्दों में कह चुके हैं कि यूपी में अब अपराध और अपराधी की कोई जगह नहीं। अपराधी सुधर जाएं। प्रदेश छोड़ दें। अगर वह ऐसा नहीं करते तो अगले चौराहे पर उनकी मुलाकात यमराज से होनी तय हैं। सीएम की चेतावनी को अभी भी कुछ जरायम की दुनिया के विलेन मानने को तैयार नहीं। जिसके कारण यूपी पुलिस और एसटीएफ इनका एक-एक कर गेमओवर कर रही है। इसी कड़ी में सीतापुर पुलिस और एसटीएफ ने ज्वाइंट ऑपरेशन चलाते हुए तिवारी ब्रदर्स को एनकाउंटर में ढेर कर दिया। कुछ ऐसी ही खबर प्रयागराज से भी सामने आई। यहां भी एसटीएफ ने झारखंड के माफिया छोटू सिंह को मुठभेड़ में मार गिराया। मारे गए अपराधी पर चार लाख का इनाम था।
उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले आठ वर्षों में न केवल अपराधियों पर कार्रवाई का बुलडोजर चलाया बल्कि प्रदेश में आतंकवादी संगठनों के स्लीपिंग मॉड्यूल (सहयोगी) और असामाजिक तत्वों पर भी शिकंजा कसा है। उत्तर प्रदेश में न सिर्फ आतंकियों के नेटवर्क को ध्वस्त किया बल्कि टेरर फंडिंग, धार्मिक उन्माद, फर्जी दस्तावेज, विदेशी घुसपैठ पर सर्जिकल स्ट्राइक की गई है। उत्तर प्रदेश में पिछले आठ वर्षों में जहां एक ओर 242 दुर्दांत अपराधियों को मुठभेड़ में ढेर किया गया। वहीं दूसरी ओर आतंकवादी संगठनों के 142 स्लीपिंग मॉड्यूल को भी अरेस्ट किया गया है। बीते आठ वर्ष में अपराधियों की धरपकड़ के लिए 14,973 कार्रवाई की गई। इस दौरान 30,694 अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। वहीं, पुलिस पर हमला करने वाले 9,479 अपराधियों को जवाबी फायरिंग में पैर पर गोली लगी।
यूपी पुलिस और एसटीएफ की कार्रवाई फिलहाल जारी है। इसी कड़ी में सीतापुर के महोली निवासी पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी हत्याकांड में शामिल दो शूटरों को पुलिस ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया है। राघवेंद्र बाजपेयी हत्याकांड में मारे गए शूटरों पर एक-एक लाख रुपये का इनाम था। जानकारी के अनुसार, सीतापुर के महोली निवासी पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी हत्याकांड में वांछित और एक-एक लाख रुपये के इनामिया बदमाश संजय तिवारी और राजू तिवारी की बृहस्पतिवार सुबह पिसावां में पुलिस से मुठभेड़ हुई। पुलिस से मुठभेड़ में दोनों शूटर घायल हो गए। घायलों को अस्पताल में ले जाया गया। यहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। मारे गए अपराधियों पर दर्जनभर से ज्यादा मुकदमे दर्ज थे। दोनों ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर पत्रकार की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी। हत्याकांड के बाद से पुलिस और यूपी एसटीएफ दोनों की तलाश कर रही थी। सटीक सूचना पर पुलिस ने उन्हें घेरा। सरेंडर करने को कहा, लेकिन बदमाशों ने फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में दोनों मारे गए।
एसपी अंकुर अग्रवाल ने बताया कि पिसावां महोली मार्ग पर पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त टीम काम्बिंग कर रही थी। इसी दौरान शूटर संजय तिवारी और राजू तिवारी बाइक से जा रहे थे। पुलिज ने बाइक सवारों को रुकने का इशारा किया तो दोनों ने पुलिस पर फायर झोंक दिया। पुलिस ने भी क्रॉस फायरिंग की। दोनों शूटरों को मुठभेड़ में गोली लग गई। उन्हें गंभीर हालत में जिला अस्पताल लाया गया। यहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। एसपी अंकुर अग्रवाल ने बताया कि दोनों वांछित थे। शूटरों की पहचान संजय तिवारी उर्फ अकील खान और राजू तिवारी उर्फ रिजवान के रूप में हुई है। दोनों मिश्रित के अटवा निवासी हैं। इन पर हत्या का प्रयास, हत्या और अन्य कई गंभीर मामले दर्ज थे। बता दें कि इसी वर्ष आठ मार्च को राघवेंद्र की हेमपुर ओवरब्रिज पर करीब दोपहर तीन बजे दो शूटरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने 34 दिनों के बाद हत्याकांड का खुलासा कर एक पुजारी और दो अन्य को जेल भेजा था। इस मामले में दोनों शूटर फरार चल रहे थे।
सीतापुर के बाद प्रयागराज पुलिस को भी बड़ी सफलता मिली है। अपराधी आशीष रंजन उर्फ छोटू सिंह निवासी जे सी मल्लिक रोड , धनबाद, झारखंड को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया। अपराधी के कब्जे से पुलिस को एके 47 समेत भारी मात्रा में कारतूस और खोखे बरामद हुए हैं। घेराबंदी के दौरान अपराधी ने पुलिस पर एके 47 से हमला कर दिया। एसटीएफ यूनिट प्रयागराज के तीन कर्मचारी व अधिकारी जेपी राय, प्रभंजन व रोहित सिंह एके 47 के हमले में बाल-बाल बच गए। जवाबी फायरिंग में एसटीएफ ने बदमाश को गोली मार दी। घायल अवस्था में उसे गिरफ्तार कर शंकरगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मारा गया बदमाश कई मामलों में वांछित था और उसके ऊपर पुलिस ने चार लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया था। उसके कब्जे से पुलिस ने एके-47, नाइन एमएम पिस्टल और भारी मात्रा में कारतूस का खोखा के साथ ही एक बाइक बरामद किया है।
बिहार और झारखंड से जुड़ा छोटू सिंह कई संगीन मामलों में वांछित था। वह अंतरराज्यीय गैंग से जुड़ा था और पुलिस को लंबे समय से इसकी तलाश थी। एसटीएफ प्रयागराज को इनपुट मिला था कि यह वांछित अपराधी शंकरगढ़ क्षेत्र में मौजूद है। सूचना के आधार पर टीम तत्काल मौके पर पहुंची। टीम में शामिल अधिकारी जेपी राय, प्रभंजन और रोहित सिंह ने जब उसे पकड़ने की कोशिश की, तो अपराधी ने एके-47 राइफल से अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। अचानक हुए इस हमले में एसटीएफ के सभी सदस्य बाल-बाल बच गए। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए टीम ने आत्मरक्षार्थ जवाबी फायरिंग की। कुछ ही देर चली मुठभेड़ में अपराधी को गोली लग गई और वह गंभीर रूप से घायल हो गया। पुलिस ने उसे तत्कालत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, शंकरगढ़ पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।