UP expressways: उत्तर प्रदेश की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने और राज्य के विकास को गति देने के लिए सरकार द्वारा 4 नए UP expressways के निर्माण की योजना बनाई जा रही है। यह घोषणा राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने यूपी विधानसभा के बजट सत्र के दौरान की। इस अभिभाषण में उन्होंने बताया कि यूपी पहले से ही देश के सबसे बड़े एक्सप्रेस-वे नेटवर्क का घर है, और आने वाले समय में इन नए एक्सप्रेस-वे से न केवल कनेक्टिविटी में सुधार होगा, बल्कि राज्य के आर्थिक विकास में भी इजाफा होगा। इनमें से कुछ एक्सप्रेस-वे प्रदेश के विभिन्न हिस्सों को जोड़ने वाले हैं, जो स्थानीय व्यवसायों और लॉजिस्टिक सेक्टर को लाभ पहुंचाएंगे।
राज्यपाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में वर्तमान में पांच प्रमुख UP expressways पहले से ही संचालित हैं, जिनमें यमुना एक्सप्रेस-वे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे और गंगा एक्सप्रेस-वे शामिल हैं। इसके अलावा, गोरखपुर एक्सप्रेस-वे का निर्माण भी जारी है। राज्यपाल ने इन नए एक्सप्रेस-वे के माध्यम से कनेक्टिविटी में और सुधार की उम्मीद जताई।
सरकार प्रदेश में कनेक्टिविटी को बढ़ाकर लॉजिस्टिक खर्च को कम करने के लिए नए एक्सप्रेस-वे बना रही है
- विंध्य एक्सप्रेस-वे: यह एक्सप्रेस-वे प्रयागराज से शुरू होकर सोनभद्र, मिर्जापुर, वाराणसी और चंदौली को जोड़ने का कार्य कर रहा है। इसकी कुल लंबाई 320 किलोमीटर होगी, और यह क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा।
- चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस-वे: यह एक्सप्रेस-वे चित्रकूट को अन्य प्रमुख एक्सप्रेस-वे से जोड़ने का काम करेगा, जो क्षेत्रीय यातायात को आसान बनाएगा।
- बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे (प्रयागराज कनेक्शन): इस एक्सप्रेस-वे को चित्रकूट से प्रयागराज होते हुए रीवा मार्ग से जोड़ने के लिए निर्माण कार्य जारी है, जिससे बुंदेलखंड क्षेत्र की कनेक्टिविटी और बेहतर होगी।
- गंगा एक्सप्रेस-वे (हरिद्वार कनेक्शन): गंगा एक्सप्रेस-वे को मेरठ से हरिद्वार तक जोड़ने के लिए भी एक एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जाएगा, जो उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच की कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा।
राज्यपाल के मुताबिक, इन एक्सप्रेस-वे के निर्माण से प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी, जो व्यापार और उद्योग के विकास को प्रेरित करेगा। उन्होंने कहा कि चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस-वे और जेवर एयरपोर्ट लिंक एक्सप्रेस-वे जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट तेजी से चल रहे हैं, जो प्रदेश के शहरी और ग्रामीण इलाकों को जोड़ने में मदद करेंगे।
नए एक्सप्रेस-वे के निर्माण से लॉजिस्टिक कॉस्ट में भी कमी आएगी, जिससे व्यापारियों को लाभ होगा। साथ ही, इन एक्सप्रेस-वे के बनने से प्रदूषण में कमी आएगी और यातायात में समय की बचत होगी। इससे यात्रियों को भी सुविधा होगी।
इन प्रमुख एक्सप्रेस-वे में विंध्य एक्सप्रेस-वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे और गंगा एक्सप्रेस-वे शामिल हैं, जो विभिन्न शहरों और क्षेत्रों को जोड़ने के लिए बनाए जा रहे हैं। इन परियोजनाओं के पूरा होने के बाद, यूपी में कनेक्टिविटी का स्तर और ऊंचा होगा, और साथ ही राज्य के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।
इन UP expressways के निर्माण से न केवल राज्य के भीतर आवागमन की सुगमता बढ़ेगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे, जिससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को और बल मिलेगा।