Fake IAS Gorakhpur fraud scam: यह घटना गोरखपुर, उत्तर प्रदेश से जुड़ी है, जहां फर्जी आईएएस ललित किशोर, उसके नकली स्टेनो साले अभिषेक, और फर्जी गनर परमानंद को करोड़ों रुपये की ठगी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। ललित किशोर, जो खुद को ‘गौरव कुमार सिंह’ नाम से यूपी कैडर का आईएएस बताता था, ने अपने रौब और हाई-प्रोफाइल लाइफस्टाइल से बड़े-बड़े लोगों को जाल में फंसाया। वह गणित में पीएचडी कर रहा है और अंग्रेजी में रौब जमाकर लोगों को प्रभावित करता था।
उसके पास से ₹4.15 लाख नकद, ₹10 लाख से अधिक के सोने-चांदी के गहने और जाली दस्तावेज बरामद हुए हैं। उसकी निजी जिंदगी भी चौंकाने वाली निकली: एक पत्नी और चार प्रेमिकाएं (जिनमें से तीन कथित तौर पर गर्भवती हैं) थीं, जिन पर वह लाखों खर्च करता था। इस जालसाज को पकड़ने में उसकी एक प्रेमिका ने ही पुलिस की मदद की।
गिरफ्तारी और बरामदगी
यह मामला तब उजागर हुआ जब बिहार के मोकामा के एक व्यापारी मुकुंद से ₹2 करोड़ से अधिक की ठगी की गई। मुकुंद को गोरखपुर जंक्शन पर लगभग ₹1 करोड़ के साथ पकड़ा गया था, जिसके बाद उसकी शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू की। बुधवार को हुई गिरफ्तारी के बाद, पुलिस ने ललित किशोर, अभिषेक कुमार (साला, रामनगरा निवासी), और परमानंद गुप्ता (गनर, लच्छीपुर निवासी) की पहचान की।
आरोपियों के पास से पुलिस ने ₹4.15 लाख नकद, ₹10 लाख से अधिक कीमत के सोने-चांदी के गहने, और बड़ी मात्रा में कूटरचित दस्तावेज व आईडी कार्ड बरामद किए हैं। ललित किशोर ने अपना नाम ‘गौरव कुमार सिंह’ बताकर जाली आईडी कार्ड और नेम प्लेट बनवाई थी, जिसका इस्तेमाल वह लोगों को झांसा देने और रौब जमाने के लिए करता था। ठगी के पैसों से आरोपियों ने कई जगहों पर जमीन और मकान भी खरीदे थे। पुलिस ने ललित और उसकी पत्नी के तीन बैंक खाते सीज किए हैं, जिनमें ₹5 लाख से अधिक की रकम जमा है।
हाई-प्रोफाइल तामझाम और ठगी का तरीका
Fake IAS ललित किशोर ने खुद को यूपी कैडर का आईएएस और अपनी पोस्टिंग गोरखपुर में बताते हुए, चिलुआताल इलाके के झुंगिया के पास एक किराए के मकान में बकायदा ऑफिस बनाकर बाहर आईएएस का बोर्ड लगाया था। वह महंगे कपड़े, ब्रांडेड चीजों और इंग्लिश में रौब झाड़कर खुद को हाई-प्रोफाइल अधिकारी दिखाता था।
गनर और वाहन: वह खुद को बड़ा अफसर दिखाने के लिए दस गनर (₹30,000 प्रति माह) और एक मैनेजर/स्टेनो (₹60,000 प्रति माह) रखता था। उसने दो लग्जरी गाड़ियां (जिसमें एक इनोवा थी, जो आमतौर पर यूपी में अफसरों की गाड़ी होती है) लोन पर ली थीं, जिसकी मासिक किस्त ₹60,000 थी। उसका मासिक खर्च ₹5 लाख से अधिक था।
फर्जी निरीक्षण: ललित, गोरखपुर के भटहट के एक स्कूल समेत कई जगहों पर मजिस्ट्रेट बनकर जांच करने पहुंचा और वसूली की। यूपी बोर्ड परीक्षा 2025 के दौरान भी वह एपीओ, सदर, गृह मंत्रालय का बोर्ड लगी इनोवा और सुरक्षा कर्मियों के साथ कई परीक्षा केंद्रों पर पहुंच गया था।
फर्जी दस्तावेज: आरोपी एआई (AI) का इस्तेमाल करके फर्जी अखबार की खबरें तैयार करते थे, जिनमें वह खुद को मीटिंग में मौजूद दिखाता था या अफसरों की कार्रवाई के बारे में हेडिंग लगाता था। इन फर्जी कतरनों और ‘मुख्य कार्यपालक अधिकारी गोरखपुर’ के जाली पत्र का इस्तेमाल वह लोगों को ठेका दिलाने का झांसा देने के लिए करता था।
निजी जिंदगी में ‘गजब कहानी’
जांच में Fake IAS ललित किशोर की निजी जिंदगी के चौंकाने वाले कारनामे भी सामने आए हैं:
उसकी एक पत्नी और चार प्रेमिकाएं थीं, जिनमें तीन गोरखपुर की और एक सीतामढ़ी की रहने वाली थी।
बताया जा रहा है कि उसकी तीन प्रेमिकाएं गर्भवती हैं।
वह इन सभी पर लाखों रुपये खर्च करता था, उन्हें महंगे मोबाइल और ज्वैलरी दिलाता था।
आरोपी की असलियत सामने आने के बाद, उसकी एक प्रेमिका ने ही उसे पकड़वाने में पुलिस की मदद की।
शैक्षणिक पृष्ठभूमि
आरोपी Fake IAS ललित किशोर काफी पढ़ा-लिखा भी है। उसने एमएससी किया है और गणित से पीएचडी कर रहा है। हालांकि, वह पहले बिहार की एक बड़ी कोचिंग में शिक्षक था, जहां एक छात्र के दाखिले के नाम पर ₹2 लाख रिश्वत लेने और दाखिला न कराने के आरोप के बाद उसे निकाल दिया गया था। बाद में, वह एक युवती को भगा ले गया, जिससे बाद में उसने शादी कर ली। उनके दो बच्चे भी हैं।
एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने आम जनता से अपील की है कि अगर वे इस गिरोह की ठगी का शिकार हुए हैं, तो तुरंत पुलिस को शिकायत दर्ज कराएं ताकि आरोपियों पर कठोर कार्रवाई की जा सके।

