Gorakhpur की दो छात्राओं ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाई ‘लिपस्टिक गन’, अब छेड़छाड़ स्थिति में होगा तुरंत वार

Gorakhpur News : अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर गोरखपुर की दो छात्राओं, इशरत खान और सृष्टि श्रीवास्तव ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक अनोखी 'लिपस्टिक गन' बनाई है। यह खास डिवाइस....

Gorakhpur News : अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर गोरखपुर से एक बड़ी ही हैरान कर देने वाली खबर सामने आ रही है, बता दें, कि आईटीएम गीडा के दूसरे साल की दो छात्राओं, इशरत खान और सृष्टि श्रीवास्तव ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक अनोखी ‘लिपस्टिक गन’ बनाई है। यह खास डिवाइस छेड़छाड़ या किसी आपात स्थिति में महिला की आवाज पहचानकर पुलिस और परिजनों को तुरंत कॉल और लोकेशन भेज सकती है।

महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाई लिपस्टिक गन

छात्रा इशरत खान ने बताया कि देश और दुनिया में महिलाओं के प्रति बढ़ती हिंसक घटनाओं को देखते हुए उन्होंने यह सुरक्षा उपकरण तैयार किया है। यह लिपस्टिक गन मुसीबत के समय न केवल पुलिस और परिवार को सतर्क करेगी, बल्कि आत्मरक्षा के लिए भी मददगार साबित होगी।

सृष्टि श्रीवास्तव ने बताया कि यह लिपस्टिक गन देखने में साधारण लिपस्टिक जैसी है, लेकिन इसे जरूरत पड़ने पर गन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें 5 मिमी का बैरल लगाया गया है, जिसमें 4 मिमी की प्लास्टिक और लाल मिर्च से बनी गोलियां भरी जाती हैं। ये बुलेट अपराधी की आंखों में तेज जलन उत्पन्न कर उसे अस्थायी रूप से असहाय बना देंगी, जिससे महिला को मौके से भागने का समय मिल सकेगा। इसके साथ ही, गन की फायरिंग की तेज आवाज से आसपास के लोग सतर्क हो जाएंगे और सहायता के लिए आगे आ सकते हैं।

कार्बन फाइबर से बनाई गन

यह लिपस्टिक गन विशेष कार्बन फाइबर से बनाई गई है और इसका वजन मात्र 50 ग्राम है। इसे बनाने में वॉइस मॉड्यूल, 3 वोल्ट बैटरी, मेटल पाइप, पीसीबी बोर्ड, जींस बटन, माइक आदि का इस्तेमाल किया गया है।

आईटीएम गिड़ा के निदेशक डॉ. एन. के. सिंह ने इस नवाचार की सराहना करते हुए कहा कि आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं और यह लिपस्टिक गन महिला सुरक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। उन्होंने छात्राओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना की और इस इनोवेशन को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए हर संभव सहयोग देने की बात कही। यह अनोखा प्रोजेक्ट महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक बड़ा कदम साबित हो सकता है, जिससे समाज में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों पर लगाम लगाने में सहायता मिलेगी।

 

 

 

 

 

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