उत्तर प्रदेश: 11,350 ग्राम पंचायतों में खुलेंगी डिजिटल लाइब्रेरी, ग्रामीण युवाओं का ‘अफसर’ बनने का सपना होगा साकार

योगी सरकार उत्तर प्रदेश की 11,350 ग्राम पंचायतों में आधुनिक डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित कर रही है। 4 लाख रुपये के बजट वाली इन लाइब्रेरी में ई-बुक्स और आईटी उपकरण होंगे, जिससे ग्रामीण छात्र गांव में रहकर ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकेंगे।

UP Govt Digital Library

UP Govt Digital Library: उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की क्रांति लाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक दूरदर्शी निर्णय लिया है। प्रदेश की 11,350 ग्राम पंचायतों में पहले चरण के तहत अत्याधुनिक डिजिटल लाइब्रेरी खोली जा रही हैं। इस पहल का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को सिविल सेवा (IAS/PCS) और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए शहरों की ओर पलायन करने से रोकना है।

पंचायतीराज निदेशक अमित कुमार सिंह के अनुसार, प्रत्येक UP Govt Digital Library पर 4 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे, जिसमें उच्च गुणवत्ता वाले आईटी उपकरण, आधुनिक फर्नीचर और ई-बुक्स का समावेश होगा। यह कदम न केवल ग्रामीण शिक्षा के स्तर को सुधारेगा, बल्कि ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ग्रामीण प्रतिभाओं को डिजिटल रूप से सशक्त भी करेगा।

योजना की मुख्य विशेषताएं और बुनियादी ढांचा

सरकार प्रत्येक UP Govt Digital Library को एक पूर्ण शिक्षण केंद्र के रूप में विकसित कर रही है। इसके बजट का आवंटन कुछ इस प्रकार है:

  • कुल बजट: ₹4 लाख प्रति लाइब्रेरी।

  • पुस्तकों का प्रावधान: ₹2 लाख की भौतिक और डिजिटल किताबें।

  • आईटी उपकरण: ₹1.30 लाख (कंप्यूटर, इंटरनेट और अन्य गैजेट्स)।

  • फर्नीचर: ₹70 हजार (आधुनिक बैठने की व्यवस्था)।

इन लाइब्रेरी में 20,000 से अधिक डिजिटल सामग्री उपलब्ध होगी, जिसमें वीडियो लेक्चर, ऑडियो कंटेंट और क्विज़ शामिल हैं, जो छात्रों को घर बैठे वैश्विक स्तर की शिक्षा प्रदान करेंगे।

प्रबंधन और कार्यान्वयन

UP Govt Digital Library का संचालन ग्राम प्रधान और ग्राम सचिव की देखरेख में होगा। इसकी नियमित निगरानी के लिए विशेष सहायक अधिकारियों की तैनाती की जाएगी। वर्तमान में लखनऊ सहित 35 जिलों में पुस्तकों के चयन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और जल्द ही यहाँ संचालन शुरू हो जाएगा।

प्रमुख जिले जहाँ पहले चरण में काम जारी है:

अमरोहा, आजमगढ़, गाजियाबाद, प्रयागराज, कानपुर देहात, और वाराणसी सहित कुल 35 जिलों को इस सूची में प्राथमिकता दी गई है।

विशेष नोट: यह पहल उन मेधावी छात्रों के लिए वरदान साबित होगी जो संसाधनों के अभाव में अपनी तैयारी बीच में ही छोड़ देते थे।

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