UP Cactus Farming: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डॉलर बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम उठाने जा रही है। अब प्रदेश के किसान अपनी ऐसी भूमि से भी लाखों की कमाई कर सकेंगे जिसे अब तक ‘बेकार’ समझा जाता था। उद्यान विभाग ने राज्य के 37 जिलों में नागफनी (Cactus) की व्यावसायिक खेती शुरू करने का निर्णय लिया है।
सरकारी योजना: निवेश शून्य, मुनाफा पूरा
इस UP Cactus Farming योजना की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि किसानों को अपनी जेब से एक रुपया भी खर्च नहीं करना पड़ेगा।
मुफ्त सामग्री: उद्यान विभाग किसानों को नागफनी के पौधे और जैविक खाद मुफ्त में उपलब्ध कराएगा।
मिनी किट: संतुलित पोषक तत्वों के लिए विशेष मिनी किट भी दिए जाएंगे।
नुकसान की भरपाई: यदि किसी कारणवश फसल नष्ट होती है, तो विभाग अनुदानित दरों पर दोबारा पौधे मुहैया कराएगा।
बिक्री की गारंटी: किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए मंडी के चक्कर नहीं काटने होंगे। विभाग खुद औद्योगिक इकाइयों के माध्यम से खेत से ही नागफनी के पत्तों की खरीद सुनिश्चित करेगा।
बंजर और ऊसर भूमि का कायाकल्प
यह UP Cactus Farming परियोजना विशेष रूप से उन क्षेत्रों के लिए वरदान है जहाँ पानी की कमी है या जमीन उपजाऊ नहीं है।
चिह्नित क्षेत्र: बुंदेलखंड, विंध्य क्षेत्र और चंबल के बीहड़ों को प्राथमिकता दी जा रही है।
भूमि का उपयोग: मुख्य फसलों के बीच खाली मेड़ों, ऊसर और बंजर भूमि पर इसे आसानी से उगाया जा सकता है।
कम देखभाल: नागफनी को बहुत कम सिंचाई और निराई-गुड़ाई की आवश्यकता होती है, जिससे मेहनत और लागत दोनों बचती है।
नागफनी: औषधीय गुणों का भंडार
औद्योगिक इकाइयां इन पत्तों से दवाओं और सौंदर्य प्रसाधनों का निर्माण करेंगी। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, नागफनी का पौधा बहुउपयोगी है:
गठिया और हृदय रोग: इसमें मौजूद विटालिन जैसे एंटीऑक्सीडेंट शरीर की पुरानी सूजन को कम करते हैं।
मधुमेह और कोलेस्ट्रॉल: यह ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में सहायक है।
इम्युनिटी: विटामिन-सी से भरपूर होने के कारण यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
स्किन केयर: एंटी-एजिंग गुणों के कारण इसका उपयोग झुर्रियों और पिंपल्स को कम करने वाले कॉस्मेटिक्स में किया जाता है।
ड्रैगन फ्रूट की सफलता का विस्तार
सरकार पहले से ही प्रदेश के 18 जिलों (जैसे गोरखपुर, प्रयागराज, वाराणसी) में नागफनी की ही एक प्रजाति ड्रैगन फ्रूट (कम्बलम) की खेती को सफल बना चुकी है। अब नागफनी के जरिए इस मॉडल को पूरे प्रदेश में विस्तारित किया जा रहा है, ताकि छोटा किसान भी समृद्ध बन सके।
UP Cactus Farming की खेती न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारेगी, बल्कि प्रदेश की अनुपयोगी भूमि को भी उत्पादक बनाएगी। यह पहल कृषि क्षेत्र में ‘वेस्ट टू वेल्थ’ (कचरे से कंचन) का सबसे सटीक उदाहरण है।



