नई दिल्ली: 10 जून को हुई जुमें की नमाज के बाद हुई हिंसा पर योगी सरकार ने बड़ा एक्शन लिया था और आरोपियों की अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चलाया था लेकिन इस कार्रवाई के खिलाफ जमीयत उलमा ए हिन्द का कहना था कि पैगम्बर मोहम्मद को लेकर नूपुर शर्मा के विवादित बयान के बाद यूपी के विभिन्न शहरों में प्रदर्शन हुए. इसको लेकर दोनों समुदाय में झड़प हुई, लेकिन यूपी सरकार ने सिर्फ एक समुदाय विशेष को टारगेट कर कार्रवाई की है इसको लेकर याचिका दाखिल की थी.

तो वहीं, 16 जून को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने जमीयत उलेमा ए हिन्द की याचिका पर यूपी सरकार से जवाब तलब किया था. उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर पिछले दिनों की गई बुलडोजर कार्रवाई को सही ठहराया है. सरकार की तरफ से साफ किया गया कि इस कार्रवाई का पैगम्बर मोहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद भड़के दंगों से कोई संबंध नहीं है. दंगो के मामले में अलग से कार्रवाई हुई है.
यूपी सरकार ने कहा जिन अवैध निर्माण को हटाया गया है, उनको हटाने के लिए बहुत पहले से ही नोटिस जारी कर दिया गया था. साथ ही कहा गया कि बिल्डिंग मालिकों को पर्याप्त समय भी दिया गया, इसके बाद ही उन अवैध निर्माण को हटाया गया है. सरकार ने कहा कि प्रयागराज में जो जावेद पंप का अवैध निर्माण हटाया गया है, वो लोकल डिवेलपमेंट ऑथिरिटी ने हटाए है. ये अपने आप में स्वायत्त संस्था है, सरकार के अधीन ये नहीं है.
