UP govt housing policy: उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने 8 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए आवास नीति में बड़ा बदलाव किया है। अब कर्मचारियों को पहले से अधिक बड़ा, आधुनिक और सुविधाजनक सरकारी आवास मिलेगा। सबसे निचले वेतन वर्ग के कर्मचारियों को भी कम से कम 400 वर्ग फीट का 2BHK फ्लैट मिलेगा, जबकि वरिष्ठ अधिकारियों के लिए बड़े बंगले की व्यवस्था की जाएगी। इस फैसले से उन कर्मचारियों को राहत मिलेगी जो अभी तक किराए के मकानों में रहने को मजबूर थे। हालांकि, जिन्हें सरकारी आवास मिलेगा, उन्हें मकान किराया भत्ता (HRA) नहीं दिया जाएगा। सरकार का दावा है कि यह कदम कर्मचारियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाएगा और जल्द ही पारदर्शी तरीके से आवंटन शुरू होगा।
नई नीति से कर्मचारियों को मिलेगा लाभ
UP govt ने सरकारी कर्मचारियों के लिए जो नई आवास नीति लागू की है, वह 31 मई 1979 की पुरानी व्यवस्था को पूरी तरह खत्म कर देगी। लोक निर्माण विभाग (PWD) ने इस नई नीति को लेकर शासनादेश जारी कर दिया है। अब कर्मचारियों को टाइप-1 से टाइप-7 श्रेणी के बीच उनके वेतनमान और वरिष्ठता के आधार पर आवास मिलेंगे। सबसे छोटा फ्लैट 400 वर्ग फीट का होगा, जबकि वरिष्ठ अधिकारियों को बंगले मिलेंगे।
आवासों में मिलेंगी आधुनिक सुविधाएं
नई नीति के तहत सभी सरकारी आवासों में आधुनिक निर्माण तकनीक और बेहतर सुविधाएं दी जाएंगी। लोक निर्माण विभाग के अनुसार, अब पुराने जर्जर मकानों की जगह नए डिज़ाइन के भवन तैयार होंगे। फ्लैट्स में पर्याप्त जगह, हवादार कमरे और आधुनिक किचन व बाथरूम की व्यवस्था की जाएगी। इस बदलाव से कर्मचारियों को अपने जीवन स्तर में सुधार का अवसर मिलेगा।
हाउस रेंट अलाउंस नहीं मिलेगा
UP govt ने स्पष्ट किया है कि जिन कर्मचारियों को सरकारी आवास मिलेगा, उन्हें मकान किराया भत्ता (HRA) नहीं मिलेगा। यानी कर्मचारी या तो सरकारी मकान ले सकते हैं या फिर किराए के मकान में रहकर HRA का लाभ ले सकते हैं। यह व्यवस्था खास तौर से उन कर्मचारियों के लिए कारगर होगी, जिनके पास खुद का घर नहीं है।
कर्मचारी संगठनों ने फैसले का किया स्वागत
नई नीति को लेकर कर्मचारी संगठनों ने सरकार का आभार जताया है। संगठन के नेताओं का कहना है कि लंबे समय से कर्मचारियों के लिए आवासों की गुणवत्ता बढ़ाने की मांग की जा रही थी, जिसे अब सरकार ने स्वीकार कर लिया है। जल्द ही नई व्यवस्था के तहत आवास आवंटित किए जाएंगे और इसमें पूरी पारदर्शिता बरती जाएगी।