UP govt dress code: सरकारी दफ्तरों में ड्रेस कोड पर सख्ती, एटा में तीन कर्मचारियों की लापरवाही पड़ी भारी

एटा में जींस पहनकर कार्यालय आने पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) ने जिला कार्यक्रम प्रबंधक, मलेरिया निरीक्षक और एक लिपिक का वेतन रोक दिया। तीन दिन में स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। नियमों का पालन न करने पर वेतन जारी नहीं होगा।

UP dress code

UP govt offices dress code: सरकारी कार्यालयों में अनुशासन और पेशेवर माहौल बनाए रखने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने ड्रेस कोड को सख्ती से लागू करना शुरू कर दिया है। एटा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) कार्यालय में इसकी एक मिसाल देखने को मिली। निर्धारित वेशभूषा के बजाय जींस पहनकर कार्यालय आने पर सोमवार को सीएमओ डॉ. उमेश कुमार त्रिपाठी ने सख्त कदम उठाते हुए तीन कर्मचारियों का वेतन रोकने का आदेश दिया। इनमें जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) मोहम्मद आरिफ, मलेरिया निरीक्षक गजेंद्र सिंह, और लिपिक सलमान जाफरी शामिल हैं। इसके साथ ही, तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश भी दिया गया है। नियमों का पालन न करने पर संबंधित कर्मचारियों की सैलरी रोकने की चेतावनी पहले ही दी गई थी।

नियमों के उल्लंघन पर कार्यवाही

सोमवार को डाक बगलिया स्थित (UP dress code) सीएमओ कार्यालय में यह मामला सामने आया। डॉ. उमेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि शासन ने सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों के लिए निर्धारित वेशभूषा में आने का स्पष्ट निर्देश दिया है। इसके बावजूद कुछ कर्मचारी नियमित रूप से इसका पालन नहीं कर रहे थे। इस पर कई बार चेतावनी भी जारी की गई थी। आखिरकार, तीन कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए उनकी सैलरी रोकने का निर्णय लिया गया।

स्पष्टीकरण के निर्देश

सीएमओ ने तीनों कर्मचारियों को नोटिस जारी कर (UP dress code) तीन दिन के भीतर अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर अगले सप्ताह तक निर्धारित वेशभूषा में कार्यालय नहीं आया गया, तो सैलरी जारी नहीं की जाएगी।

पेशेवर माहौल बनाने की कोशिश

सीएमओ का कहना है कि सरकारी कार्यालय में पेशेवर माहौल बनाए रखना अत्यंत (UP dress code) जरूरी है। कर्मचारियों को सरकारी निर्देशों के अनुसार कार्य करना चाहिए। ड्रेस कोड लागू करने का उद्देश्य यही है कि कार्यालय में अनुशासन और गरिमा बनी रहे।

शासन का स्पष्ट संदेश

यह घटना न केवल एटा के सीएमओ कार्यालय तक सीमित है, बल्कि पूरे प्रदेश के सरकारी दफ्तरों के लिए एक संदेश है। सरकारी कर्मचारियों को यह समझना होगा कि सरकारी नियमों और निर्देशों का पालन करना उनकी जिम्मेदारी है।

ड्रेस कोड को लेकर उठाया गया यह कदम सरकार की सख्ती को दर्शाता है। अधिकारियों का मानना है कि यह कार्य संस्कृति सुधारने और जनता के प्रति एक सकारात्मक छवि प्रस्तुत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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