UP Govt school news: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने छात्रों में बढ़ती डिजिटल निर्भरता को कम करने और पठन-पाठन की पारंपरिक संस्कृति को पुनर्जीवित करने के लिए एक महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय लिया है। माध्यमिक एवं बेसिक शिक्षा विभाग के नए आदेशानुसार, अब प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए प्रतिदिन समाचार पत्र पढ़ना और महत्वपूर्ण खबरों पर सामूहिक चर्चा (ग्रुप डिस्कशन) करना अनिवार्य होगा। अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार द्वारा जारी निर्देशों के तहत, स्कूलों को न केवल अखबार और पत्रिकाओं की व्यवस्था करनी होगी, बल्कि छात्रों को हर हफ्ते लाइब्रेरी से एक गैर-पाठ्यपुस्तक (कहानी, जीवनी आदि) भी जारी करनी होगी। इस पहल का मुख्य उद्देश्य छात्रों की लेखन क्षमता, विश्लेषणात्मक सोच और सार्वजनिक रूप से बोलने के कौशल को विकसित करना है।
लेख के मुख्य बिंदु:
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न्यूज कटिंग और ग्रुप डिस्कशन: UP Govt school छात्र खबरों की कटिंग करेंगे और उन पर कक्षा में चर्चा करेंगे, जिससे समसामयिक विषयों पर उनकी पकड़ मजबूत होगी।
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प्रार्थना सभा में प्रस्तुति: पुस्तकालय से पढ़ी गई किताबों का सारांश छात्रों को प्रार्थना सभा में सुनाना होगा, जिससे उनके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी।
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‘बुके नहीं, बुक’ अभियान: सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अब फूलों के बजाय पुस्तकें भेंट की जाएंगी। विजेताओं को भी ट्रॉफी के स्थान पर प्रेरणादायक साहित्य दिया जाएगा।
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छात्रों द्वारा संपादन: हर UP Govt school अपनी एक मासिक पत्रिका या दीवार अखबार (Wall Magazine) तैयार करेगा, जिसका संपादन स्वयं विद्यार्थी करेंगे।
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पुस्तकालय भ्रमण: शैक्षिक भ्रमण के तहत बच्चों को जिला पुस्तकालयों का दौरा कराया जाएगा ताकि वे पठन-पाठन के व्यापक संसाधनों से परिचित हो सकें।
सराहनीय कदम:
अत्यधिक मोबाइल उपयोग के कारण छात्रों की एकाग्रता में आ रही कमी को देखते हुए यह कदम मील का पत्थर साबित हो सकता है। सबसे अधिक किताबें पढ़ने वाले UP Govt school छात्रों को ‘प्रशंसा प्रमाण पत्र’ देकर प्रोत्साहित भी किया जाएगा।
