UP Transfer Policy 2024: लोकसभा चुनाव में यूपी में मिली हार के बाद योगी सरकार एक के बाद एक कई फैसले लेती दिख रही है। मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में योगी सरकार ने तबादला नीति 2024 को हरी झंडी दे दी है। यह ट्रांसफर पॉलिसी केवल वर्ष 2024-25 तक की अवधि के लिए है। 30 जून तक ट्रांसफर किए जाएंगे। यह नीति क, ख और ग ग्रुप के लिए है।
इस नीति के तहत ग्रुप ‘क’ और ग्रुप ‘ख’ के अधिकारी जो तीन साल से ज्यादा समय से एक ही जिले में तैनात हैं, उन्हें दूसरे जिले में स्थानान्तरित (UP Transfer Policy 2024) किया जाएगा। इसी तरह एक ही मंडल में सात वर्ष से अधिक की सेवा पूरी करने वालों को भी दूसरे मंडल भेजा जाएगा। बता दें कि विभागाध्यक्ष या मंडलीय कार्यालयों में की गई तैनाती की अवधि को स्थानांतरण के लिए उक्त निर्धारित अवधि में नहीं गिना जाएगा।
लोक भवन में आयोजित कैबिनेट बैठक में मंगलवार को कुल 41 प्रस्ताव पास किए गए। बैठक के बाद स्थानांतरण नीति की जानकारी देते हुए अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि समूह ‘क’ एवं ‘ख’ के अधिकतम 20 प्रतिशत अधिकारियों का तबादला किया जाएगा। समूह ‘ग’ व ‘घ’ के कार्मिकों का अधिकतम 10 प्रतिशत तबादला होगा।
मेरिट आधार पर आनलाइन होगा तबादला
मंडलीय कार्यालयों में तैनाती की अधिकतम अवधि तीन वर्ष होगी तथा इसमें सर्वाधिक समय से कार्यरत अधिकारियों के तबादले प्राथमिकता के आधार किए जाएंगे। समूह ‘क’ व ‘ख’ के स्थानांतरण संवर्ग वार कार्यरत अधिकारियों की संख्या के अधिकतम 20 प्रतिशत एवं समूह ‘ग’ के कर्मचारियों का जिला परिवर्तन न होने की स्थिति में पटल परिवर्तन अवश्य किया जाएगा। यह अधिकतम 10 प्रतिशत किया जाएगा। इससे अधिक तबादले करने के लिए मुख्यमंत्री से अनुमति लेनी होगी। समूह ‘ख’ एवं ‘ग’ के अधिकारियों व कर्मचारियों के स्थानांतरण यथासंभव मेरिट आधार पर आनलाइन किए जाएंगे।
सरकार ने कहा कि मंदित बच्चों या फिर चलने-फिरने से पूरी तरह प्रभावित दिव्यांग बच्चों के माता-पिता की तैनाती विकल्प प्राप्त करके ऐसे स्थान पर की जाएगी, जहां उसकी देखभाल व चिकित्सा की समुचित व्यवस्था हो। इसके अलावा भारत सरकार द्वारा घोषित प्रदेश के 34 जिलों के 100 आकांक्षी विकास खंडों व इन सभी जिलों में अधिकारियों व कर्मचारियों के सभी रिक्त पदों पर शत-प्रतिशत तैनाती की जाएगी। स्थानांतरण सत्र यानी 30 जून के बाद समूह ‘क’ के साथ ही साथ समूह ‘ख’ के संबंध में विभागीय मंत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री के अनुमोदन प्राप्त करने के बाद ही तबादले किए जा सकेंगे।