UP Liquor Shops: उत्तर प्रदेश में अगले सत्र के लिए शराब और भांग की दुकानों का आवंटन ई-लॉटरी प्रणाली के जरिए किया गया। गुरुवार को आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल के निर्देशन में इस प्रक्रिया का पहला चरण पूरा किया गया। इसमें 25,677 शराब की दुकानों का आवंटन किया गया जो कुल दुकानों का 90% से अधिक है।
नई आबकारी नीति (UP Liquor Shops) के तहत पहली बार कंपोजिट शॉप का आवंटन किया गया है। आबकारी विभाग के अनुसार शराब की दुकानों के आवंटन के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया अपनाई गई थी। इसके बाद ई-लॉटरी के जरिए दुकानों का निष्पक्ष और पारदर्शी आवंटन किया गया।
शराब और मॉडल शॉप के आंकड़े
इस चरण में देसी मदिरा (UP Liquor Shops) की 15,906 दुकानें, 9,341 कंपोजिट शॉप, 430 मॉडल शॉप और 1,317 भांग की दुकानें शामिल हैं। लखनऊ में हुई ई-लॉटरी में 543 देसी शराब, 400 कंपोजिट शॉप, 56 मॉडल शॉप और 42 भांग की दुकानों का आवंटन किया गया। राज्य सरकार को इस प्रक्रिया से 4,278.80 करोड़ रुपये की लाइसेंस फीस मिलेगी। दूसरे चरण में 146 देसी मदिरा, 21 कंपोजिट शॉप, 142 भांग की दुकानें और 5 मॉडल शॉप का आवंटन किया जाएगा।
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यूपी में शराब बिक्री से बंपर राजस्व
उत्तर प्रदेश में पिछले साल शराब की बिक्री से 43,000 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था। इस बार सरकार का लक्ष्य 50,000 करोड़ रुपये का है। उत्तराखंड में प्रति व्यक्ति आबकारी राजस्व 4,217 रुपये है, लेकिन कुल राजस्व 5,000 करोड़ के करीब ही है। ई-लॉटरी एक ऑनलाइन प्रक्रिया है जिससे ठेके के लाइसेंस का पारदर्शी आवंटन किया जाता है।
आवेदकों को अधिकतम दो दुकानों का आवंटन किया जाता है, जो एक ही जिले या अलग-अलग जिलों में हो सकती हैं। अगर उत्तराखंड के आबकारी राजस्व की तुलना यूपी से की जाए तो राज्य सरकार का लक्ष्य एक लाख करोड़ रुपये होना चाहिए हालांकि मौजूदा लक्ष्य 50,000 करोड़ रुपये रखा गया है। सरकार इस दिशा में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।