Asim Arun news: उत्तर प्रदेश सरकार में समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने एक बार फिर अपने अनुशासन, ईमानदारी और नियमों के प्रति कठोर प्रतिबद्धता का शानदार उदाहरण पेश किया है। वाराणसी दौरे पर पहुंचे मंत्री असीम अरुण ने बिना अनुमति लगी नीली बत्ती वाली गाड़ी का इस्तेमाल करने से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने वाराणसी पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर तत्काल उस गाड़ी का चालान काटने की सिफारिश भी की। असीम अरुण का यह कदम बताता है कि वह न केवल एक जिम्मेदार मंत्री हैं, बल्कि कानून का सम्मान करने वाले नागरिक भी हैं। उनके इस साहसिक और सच्चे व्यवहार की चारों ओर सराहना हो रही है, जिससे सरकार और जनता के बीच विश्वास और भी मजबूत हुआ है।
Asim Arun ने ठुकराई नीली बत्ती वाली गाड़ी, बोले- कानून सबसे ऊपर
सोमवार को अपने वाराणसी दौरे के दौरान असीम अरुण के लिए प्रोटोकॉल के तहत नीली बत्ती वाली गाड़ी उपलब्ध कराई गई थी। जैसे ही मंत्री असीम अरुण ने देखा कि गाड़ी पर बिना अनुमति नीली बत्ती लगी है, उन्होंने तत्काल उस गाड़ी में बैठने से इनकार कर दिया। यही नहीं, उन्होंने तुरंत वाराणसी पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल को पत्र लिखकर इस मामले में कार्यवाही की मांग की।
पत्र में मंत्री असीम अरुण ने साफ लिखा कि उनके लिए उपलब्ध कराई गई गाड़ी पर अनधिकृत रूप से नीली बत्ती लगी थी। उन्होंने इस मामले की पूरी डिटेल के साथ गाड़ी की फोटो भी संलग्न कर दी और स्पष्ट निर्देश दिए कि इस गाड़ी का नियमानुसार चालान किया जाए। असीम अरुण ने यह भी कहा कि कानून का पालन हर किसी के लिए अनिवार्य है, चाहे वह मंत्री हो या आम नागरिक।
मंत्री का आदर्श व्यवहार, जनता में बनी मजबूत छवि
Asim Arun का यह कदम बताता है कि वह अपने पद और जिम्मेदारियों का किस स्तर पर पालन करते हैं। जहां कई बार नेता प्रोटोकॉल के नाम पर नियमों को नजरअंदाज कर देते हैं, वहीं असीम अरुण ने खुद को सभी से बराबर माना। यह पहला मौका नहीं है जब असीम अरुण ने अनुशासन का उदाहरण पेश किया हो। पूर्व आईपीएस अधिकारी के रूप में उनकी छवि पहले से ही बेहद ईमानदार और नियमों के प्रति सजग रही है।
कार्यक्रम में दिखी मंत्री की सादगी और प्रतिबद्धता
असीम अरुण वाराणसी में सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र कुमार शास्त्री की 94वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे। भुल्लनपुर स्थित कबीर इंटर कॉलेज मैदान में आयोजित अनुसूचित जाति एवं जनजाति स्वाभिमान सम्मेलन में उन्होंने समाज के हित में कई महत्वपूर्ण बातें रखीं। इसके साथ ही उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में भी एक बैठक में हिस्सा लिया, जहां उन्होंने शिक्षा और सामाजिक न्याय पर फोकस किया।
मंत्री असीम अरुण के इस फैसले ने यह साबित कर दिया है कि वह न केवल एक कर्तव्यनिष्ठ मंत्री हैं, बल्कि एक आदर्श नागरिक भी हैं जो नियमों को अपने आचरण में पूरी ईमानदारी से उतारते हैं।