UP Panchayat Elections वोटर लिस्ट विवाद: सवा करोड़ नाम हटाने पर अखिलेश यादव का चुनाव आयोग पर बड़ा हमला

समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग पर सवा करोड़ वोटरों के नाम हटाने का आरोप लगाया। उन्होंने एआई के इस्तेमाल पर सवाल उठाते हुए आयोग को 'जुगाड़ आयोग' करार दिया और भाजपा पर मिलीभगत का दावा किया।

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UP Panchayat Elections: उत्तर प्रदेश में आगामी UP Panchayat चुनाव से पहले मतदाता सूची में बड़े बदलाव की खबरों पर सियासत गरमा गई है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को एक बार फिर चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए उसे ‘जुगाड़ आयोग’ करार दिया। अखिलेश का आरोप है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से सवा करोड़ वोटरों के नाम मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि जब एआई से डुप्लीकेट वोटरों की पहचान की जा सकती है तो उनके द्वारा सौंपे गए 18 हजार शपथपत्रों का जवाब क्यों नहीं दिया गया। अखिलेश ने इसे लोकतंत्र के खिलाफ साजिश बताया और भाजपा पर आयोग के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया।

एआई से हटेंगे सवा करोड़ नाम? अखिलेश का बड़ा सवाल

समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स पर एक वीडियो साझा करते हुए दावा किया कि UP Panchayat की तैयारी के तहत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से सवा करोड़ मतदाताओं के नाम सूची से हटाने की प्रक्रिया चल रही है। चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक, विभिन्न गांवों में डुप्लीकेट वोटरों की पहचान की गई है और उनके नाम मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं। अखिलेश ने सवाल उठाया कि जब एआई इतनी सक्षम है तो फिर उनके 18 हजार से ज्यादा शपथपत्रों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही।

चुनाव आयोग और भाजपा पर मिलिभगत का आरोप

अखिलेश ने भाजपा, चुनाव आयोग और जिलाधिकारियों की “तिकड़ी” पर भी निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा ने जो 18 हजार हलफनामे जमा कराए थे, उनमें से अब तक सिर्फ 14 का ही जवाब दिया गया है। अखिलेश ने दावा किया कि भाजपा, चुनाव आयोग का इस्तेमाल करके सपा समर्थक वोटरों को निशाना बना रही है और मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर हेराफेरी की जा रही है।

वोट चोरी विवाद पर विपक्ष का मोर्चा

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने हाल ही में प्रेस वार्ता कर विपक्ष के ‘वोट चोरी’ के आरोपों को खारिज कर दिया था, लेकिन इसके बाद से ही विपक्षी दल हमलावर हैं। राहुल गांधी की “वोट अधिकार यात्रा” भी इसी मुद्दे को लेकर बिहार में जारी है, जिसमें अखिलेश यादव भी शामिल हुए। अखिलेश का कहना है कि भाजपा लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है और मतदाता सूची में हेरफेर इसका सबसे बड़ा सबूत है।

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