UP Police Special DG: उत्तर प्रदेश सरकार आईपीएस कैडर प्रबंधन के तहत एक बार फिर ‘स्पेशल डीजी’ (Special DG) का पद सृजित करने पर विचार कर रही है। यह कदम उन वरिष्ठ अधिकारियों के मनोबल को बनाए रखने और पदोन्नति के संकट को हल करने के लिए उठाया जा रहा है, जो डीजी रैंक की पात्रता रखते हैं लेकिन रिक्तियों के अभाव में पदोन्नत नहीं हो पा रहे हैं। वर्तमान में 1994 और 1995 बैच के 11 अधिकारी कतार में हैं, जबकि 2026 की शुरुआत तक यह संख्या 18 हो जाएगी। राज्य में डीजी के केवल 14 पद ही उपलब्ध हैं। मुख्यमंत्री के भरोसेमंद अधिकारी अमिताभ यश के भी जल्द इस श्रेणी में आने के कारण, मायावती सरकार के दौर में शुरू हुए इस UP Police मॉडल को योगी सरकार दोबारा लागू कर सकती है।
क्यों जरूरी है स्पेशल डीजी का पद?
-
अधिकारियों का जमावड़ा: वर्तमान में डीजी स्तर के केवल 14 पद (7 कैडर और 7 एक्स-कैडर) हैं। अगले साल तक पात्र अधिकारियों की संख्या 18 तक पहुँच जाएगी।
-
प्रमोशन का समीकरण: स्पेशल डीजी पद सृजित होने से एडीजी रैंक के अधिकारी अपने वेतन और ओहदे में वृद्धि प्राप्त कर सकेंगे, भले ही मुख्य डीजी के पद रिक्त न हों।
-
अमिताभ यश की पदोन्नति: 1996 बैच के तेजतर्रार अधिकारी अमिताभ यश (ADG कानून-व्यवस्था) जल्द ही डीजी पद के लिए पात्र होंगे। उन्हें पदोन्नति देने के लिए भी यह व्यवस्था कारगर साबित होगी।
कैडर की वर्तमान स्थिति
UP Police में आईपीएस अधिकारियों की स्वीकृत संख्या 541 है, जिनमें से वर्तमान में 482 अधिकारी तैनात हैं।
पद का स्तर |
स्वीकृत/उपलब्ध पद |
डीजी (DG) |
14 |
एडीजी (ADG) |
33 |
आईजी (IG) |
35 (स्वीकृत 51 के मुकाबले) |
हालिया डीपीसी (DPC) के परिणाम
गृह विभाग ने हाल ही में वर्ष 2001, 2008, 2012 और 2013 बैच के अधिकारियों के लिए विभागीय प्रोन्नति समिति (DPC) की बैठक पूरी की है। इसके तहत:
-
2001 बैच: आईजी से एडीजी बनेंगे।
-
2008 बैच: डीआईजी से आईजी पद पर प्रमोट होंगे।
-
2012 बैच: एसपी/एसएसपी से डीआईजी बनेंगे।
-
2013 बैच: सेलेक्शन ग्रेड प्राप्त कर एसएसपी बनेंगे।
विशेष नोट: स्पेशल डीजी का पद कोई अतिरिक्त कार्यात्मक अधिकार नहीं देता, बल्कि यह कैडर प्रबंधन और वरिष्ठ अधिकारियों की वरिष्ठता को सम्मान देने का एक प्रशासनिक तरीका है।
