UP Police YAKSH app: उत्तर प्रदेश सरकार ने कानून-व्यवस्था को अत्याधुनिक बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम उठाते हुए ‘यक्ष’ (Yaksh) ऐप की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लॉन्च किया गया यह ऐप राज्य के लाखों अपराधियों का कच्चा-चिट्ठा डिजिटल प्रारूप में समेटे हुए है। दशकों से चली आ रही कागजी रजिस्टर की परंपरा को खत्म कर अब पुलिस अपराधियों की निगरानी AI और बिग डेटा एनालिटिक्स के माध्यम से करेगी। इस ऐप का मुख्य उद्देश्य ‘बीट पुलिसिंग’ को मजबूत करना और अपराधियों की गतिविधियों पर रियल-टाइम नज़र रखना है। यक्ष ऐप न केवल अपराधियों की पहचान को आसान बनाएगा, बल्कि उनके संगठित नेटवर्क को तोड़ने में भी पुलिस के लिए एक डिजिटल हथियार साबित होगा।
A decisive step towards modern policing | #YakshApp
Launched by Hon’ble CM UP @myogiadityanath ji, during the Beat Policing session at #PoliceManthan, the YAKSH App advances data-driven, technology-enabled policing.
It brings a police-station-based offender database with… pic.twitter.com/6F6HunfRC9
— UP POLICE (@Uppolice) December 27, 2025
क्या है यक्ष ऐप की खासियत?
UP Police YAKSH app उत्तर प्रदेश पुलिस के पारंपरिक ‘बीट बुक’ का डिजिटल संस्करण है, जिसे भविष्य की चुनौतियों के अनुसार तैयार किया गया है। इसकी प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
-
AI-पावर्ड पहचान: इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित फेस रिकग्निशन और वॉयस सर्च की सुविधा है। यदि कोई अपराधी अपनी पहचान छिपाने की कोशिश करता है, तो पुलिस उसकी आवाज और चेहरे के मिलान से उसे तुरंत पहचान लेगी।
-
क्राइम GPT (CrimeGPT): ऐप में मौजूद यह टूल पुलिसकर्मियों को अपराधियों के डेटा के साथ बातचीत करने की सुविधा देता है। पुलिस किसी भी अपराधी के पुराने इतिहास, गैंग लिंक या केस विवरण के बारे में सवाल पूछकर तुरंत विश्लेषण प्राप्त कर सकती है।
-
गैंग और नेटवर्क मैपिंग: यह ऐप अपराधियों के आपसी संबंधों और उनके गैंग स्ट्रक्चर का विश्लेषण करता है। इससे संगठित अपराध करने वाले गिरोहों को बेनकाब करना आसान हो जाएगा।
-
रियल-टाइम अलर्ट: यदि कोई अपराधी अपना निवास स्थान बदलता है या संदिग्ध गतिविधियों में शामिल होता है, तो संबंधित बीट कांस्टेबल को तुरंत अलर्ट मिल जाएगा।
-
कलर कोडिंग और स्कोरिंग: अपराधियों को उनके अपराध की गंभीरता के आधार पर अलग-अलग रंगों (Color Codes) में बांटा गया है। इससे पुलिस को प्राथमिकता तय करने में मदद मिलती है कि किस पर अधिक निगरानी की जरूरत है।
Reactive नहीं—अब Preventive policing
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सम्मेलन के बीट पुलिसिंग सत्र में माननीय मुख्यमंत्री @myogiadityanath जी ने ‘यक्ष ऐप’ लॉन्च किया—जघन्य अपराधियों का थानावार डेटाबेस, बीट सत्यापन की जवाबदेही, संदिग्धों की AI पहचान, त्वरित खोज (Voice Search), गैंग-लिंक… pic.twitter.com/pOw3DfgY9J
— UP POLICE (@Uppolice) December 27, 2025
पुलिसिंग में आएगा बड़ा बदलाव
UP Police YAKSH app का कंट्रोल रूम यूपी एसटीएफ (STF) मुख्यालय में बनाया गया है। यह ऐप अपराधियों के खिलाफ “जीरो टॉलरेंस” की नीति को और प्रभावी बनाएगा। अब बीट स्तर के कांस्टेबल के पास अपनी बीट के अपराधियों का पूरा विवरण—जैसे फोटो, वीडियो, वॉयस सैंपल और पुराने मुकदमों की जानकारी—उनके मोबाइल पर एक क्लिक पर उपलब्ध होगी।
यह तकनीक न केवल डिजिटल अपराधों को रोकने में मददगार होगी, बल्कि लाइसेंसी हथियारों के सत्यापन और सोशल मीडिया पर निगरानी रखने में भी यूपी पुलिस की क्षमता को कई गुना बढ़ा देगी।
