यूपी के बिजलीकर्मियों के लिए बड़ी खबर: बिना सुरक्षा उपकरण काम करने पर होगी बर्खास्तगी

यूपी पावर कॉरपोरेशन चेयरमैन डॉ. आशीष कुमार गोयल ने बिजली कर्मचारियों की सुरक्षा पर कड़ा रुख अपनाया है। बिना सुरक्षा उपकरण के काम करने वाले संविदाकर्मियों को तत्काल बर्खास्त किया जाएगा, और दुर्घटना होने पर अधिशासी अभियंता तक की जिम्मेदारी तय होगी।

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UPPCL Electricity worker safety: उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) के चेयरमैन डॉ. आशीष कुमार गोयल ने बिजली कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर एक सख्त आदेश जारी किया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि कोई भी संविदाकर्मी बिना सुरक्षा उपकरण के काम करता पाया गया, तो उसे तत्काल बर्खास्त कर दिया जाएगा। यह निर्देश सोमवार को डिस्कॉम कार्यों की समीक्षा बैठक के दौरान दिए गए। चेयरमैन ने जीरो टॉलरेंस नीति लागू करने की बात कही और स्पष्ट किया कि दुर्घटना की स्थिति में अधिशासी अभियंता तक की जवाबदेही तय की जाएगी और उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होगी। इस कदम का उद्देश्य कार्यस्थल पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकना और सभी कर्मचारियों के लिए सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करना है, क्योंकि सभी डिस्कॉम में पर्याप्त सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं।

इसके अलावा, चेयरमैन ने 1 दिसंबर से शुरू होने वाली बिजली बिल राहत योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करने का भी निर्देश दिया, जो नेवर पेड, लॉन्ग अनपेड उपभोक्ताओं और चोरी के मामलों के लिए बेहद लाभकारी है।

चेयरमैन का सुरक्षा पर कड़ा रुख, निजीकरण पर विरोध जारी

UPPCL चेयरमैन डॉ. आशीष कुमार गोयल ने बिना सुरक्षा उपकरणों के काम करने वाले कर्मचारियों को तुरंत बर्खास्त करने का चेतावनी दी है। वहीं, विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति निजीकरण के प्रस्ताव में आंकड़ों के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाते हुए इसे रद्द करने की मांग कर रही है।

सुरक्षा उपकरण अनिवार्य: उल्लंघन पर तत्काल बर्खास्तगी

पावर कॉरपोरेशन चेयरमैन डॉ. आशीष कुमार गोयल ने सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अनुरक्षण कार्य (maintenance work) केवल सुरक्षा उपकरण पहनकर ही किए जाएं। उन्होंने कहा कि सभी डिस्कॉम में पर्याप्त सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं, इसलिए किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

UPPCL  चेयरमैन ने समीक्षा बैठक में कहा कि यदि कोई संविदाकर्मी बिना सुरक्षा उपकरण के कार्य करता पाया जाता है, तो उसे तत्काल बर्खास्त किया जाएगा। साथ ही, किसी भी दुर्घटना के मामले में अधिशासी अभियंता (Executive Engineer) तक की जिम्मेदारी तय करते हुए सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने इस संबंध में जीरो टॉलरेंस नीति लागू करने का निर्देश दिया है, जिसका मुख्य उद्देश्य कार्यस्थल पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकना है।

बिजली बिल राहत योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार

डॉ. गोयल ने 1 दिसंबर से शुरू होने वाली बिजली बिल राहत योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार पर जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि यह योजना नेवर पेड, लॉन्ग अनपेड उपभोक्ताओं और चोरी के मामलों के लिए अत्यंत लाभकारी है। सभी अधिकारी क्षेत्र में पात्र उपभोक्ताओं का पंजीकरण सुनिश्चित करें और उनका बकाया जमा करवाएं।

इसके लिए मुनादी, जिला प्रशासन से सहयोग, मीटर रीडर, फीडर मैनेजर, पैम्फलेट, अखबार, सोशल मीडिया, कॉलर ट्यून और वॉट्सऐप संदेशों जैसे विभिन्न माध्यमों का उपयोग करने के निर्देश दिए गए हैं।

अन्य प्रमुख निर्देश

UPPCL  बैठक में चेयरमैन ने अधिकारियों को ट्रांसफॉर्मर क्षति को रोकने, राजस्व वसूली को बढ़ाने और सोलर रूफटॉप कनेक्शन की शिकायतों को तुरंत दूर करने के भी निर्देश दिए। बैठक के दौरान, दक्षिणांचल डिस्कॉम के निदेशक तकनीकी और निदेशक कॉमर्शल को बिना तैयारी के आने पर चेयरमैन की ओर से चेतावनी जारी करने का निर्देश दिया गया।

निजीकरण प्रस्ताव पर विवाद जारी

एक तरफ सुरक्षा और राजस्व पर फोकस है, वहीं दूसरी ओर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने निजीकरण के प्रस्ताव में आंकड़ों के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाते हुए इसे तत्काल रद्द करने की मांग की है। संघर्ष समिति ने मुख्य सचिव एस.पी. गोयल से मांग की है कि वह इस प्रस्ताव पर सहमति न दें।

समिति ने एक बार फिर दोहराया है कि निजीकरण का टेंडर जारी होते ही बिजली कर्मचारी जेल भरो आंदोलन शुरू कर देंगे। संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पावर कॉरपोरेशन चेयरमैन डॉ. आशीष गोयल ने पहले मुंबई में बयान दिया था कि बिहार चुनाव के बाद ही निजीकरण का टेंडर जारी हो जाएगा।

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