उत्तर प्रदेश: हरदोई में पिछले दिनों हुई दो घटनाओं की वजह से प्रशासन बेलगाम साबित होता दिख रहा है. कुछ दिन पहले दो किसानों को सिटी मजिस्ट्रेट ने कोतवाली शहर की पुलिस को बुलाकर डीएम से मिलने के लिए कहकर कलेक्ट्रेट से उठा लिया था, जिसके बाद उन्हें घंटों थाने में रखा गया. इसके बाद आज एसडीएम के आदेश के बाद कोटेदार की शिकायत लेकर तहसील दिवस पहुंचे आरटीआई एक्टिविस्ट को पुलिस ने उठा लिया. फिर पुलिसकर्मियों ने उनकी जमकर पिटाई की.
दरअसल शहर कोतवाली क्षेत्र के आशा गांव निवासी रामसरन गुप्ता शनिवार को सदर तहसील में आयोजित हो रहे संपूर्ण समाधान दिवस में अपनी शिकायत लेकर पहुंचे थे. रामसरन गुप्ता का आरोप है कि गांव के पूर्व कोटेदार पर गड़बड़ी के आरोप लगे थे, जिनका मामला चल रहा है. मामले में वर्ष 2009 व 2015 में इसकी रिपोर्ट दर्ज की गई थी. आरोप है कि वह इस प्रकरण को लेकर वह अपनी शिकायत दर्ज कराने गए थे.
इसके बाद एसडीएम ने एआरओ को शिकायती पत्र देकर पूरे मामले में जानकारी मांगी, लेकिन एआरओ गोपनीय तरीके से बात करना चाहता था, जिसका रामसरन गुप्ता ने विरोध किया, फिर एसडीएम ने उसे निष्कासित करने का आदेश पारित किया. पीड़ित का आरोप है कि होमगार्ड ने उसके साथ मारपीट की. पुलिस को जब पूरे मामले की जानकारी मिली तो नगर थानाध्यक्ष मौके पर पहुंचे और शिकायत लेकर थाने पहुंचे.
एसडीएम के पास शिकायत लेकर आया था पीड़ित
इस पूरे मामले पर प्रशासनिक अधिकारियों ने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से साफ इनकार कर दिया है. जबकि 4 दिन पहले भी हरदोई समाहरणालय में ऐसा ही एक वाकया देखने को मिला था. जहां बिलग्राम कोतवाली क्षेत्र में रहने वाले किसानों ने उस समय जनता से मिल रहे सिटी मजिस्ट्रेट को शिकायती पत्र देकर डीएम से बात करने की इच्छा जताई थी. जिसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट सदानंद गुप्ता ने शहर कोतवाली पुलिस को बुलाकर थाने भेज दिया था.
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