UP Waqf Board Minister Inspection: उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश आज़ाद अंसारी ने बुधवार को सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के दफ़्तर का अचानक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि उम्मीद पोर्टल पर वक्फ संपत्तियों का पूरा डेटा दर्ज नहीं था। इस स्थिति को देखकर उन्होंने नाराजगी जताई और तुरंत व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के बाद मंत्री ने वक्फ बोर्ड के सभी कर्मचारियों की 5 दिसंबर तक की छुट्टियां रद्द करने का आदेश दिया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि रिकार्ड रूम में रखी सभी फाइलों को जल्द से जल्द डिजिटल फॉर्म में बदला जाए, ताकि वक्फ संपत्तियों का डेटा सुरक्षित और आसानी से उपलब्ध हो सके। साथ ही उन्होंने फाइलों, दस्तावेजों और रजिस्टरों के सही रख-रखाव पर भी विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।
इस दौरान मंत्री ने प्रदेश के अलग-अलग जिलों से आए वक्फ मुतवल्लियों से मुलाकात की। बैठक में उन्होंने उन्हें वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण, प्रबंधन, पारदर्शिता और डिजिटलीकरण की प्रक्रिया के महत्व के बारे में विस्तार से बताया। उनका कहना था कि उम्मीद पोर्टल केंद्र सरकार की एक महत्त्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के संरक्षण, बेहतर निगरानी और प्रशासनिक सुधार को मजबूत बनाना है। उन्होंने यह भी कहा कि पोर्टल के माध्यम से भ्रष्टाचार, बेनामी उपयोग और अनियमितताओं में कमी आएगी। मंत्री ने आश्वस्त किया कि वक्फ संपत्तियों का लाभ मुस्लिम समाज, विशेष रूप से पसमांदा समुदाय और मुस्लिम महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए किया जाएगा।
निरीक्षण के बाद दानिश आज़ाद ने वक्फ बोर्ड के सीईओ मासूम अली सरवर के साथ विस्तृत समीक्षा बैठक की। बैठक में उम्मीद पोर्टल पर वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण से जुड़े कई लंबित मुद्दों पर चर्चा की गई।
मंत्री ने बताया कि प्रदेश में करीब सवा लाख वक्फ संपत्तियां दर्ज हैं और उनका जल्द से जल्द पंजीकरण पूरा करना अत्यंत आवश्यक है, ताकि राज्य में वक्फ प्रबंधन को सुचारू और पारदर्शी बनाया जा सके।
एसआईआर के चलते परीक्षाएं स्थगित
इधर, शिक्षकों के एसआईआर कार्य में व्यस्त होने की वजह से परिषदीय स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक की 28 नवंबर से शुरू होने वाली अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं आगे बढ़ा दी गई हैं। अब ये परीक्षाएं 10 दिसंबर से 15 दिसंबर के बीच कराई जाएंगी। शिक्षक संगठनों ने परीक्षा की तारीख बदलने को राहत वाली खबर बताया है, क्योंकि पिछले दिनों अध्यापकों पर एसआईआर रिपोर्ट को समय पर पूरा करने का काफी दबाव था।
