किसान सम्मान निधि की तर्ज पर यूपी के बुनकरों को मिलेगी सौगात, घर-घर सर्वे शुरू

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार किसान सम्मान निधि की तर्ज पर पावरलूम बुनकरों के लिए नई आर्थिक सहायता योजना ला रही है। इसके लिए पूर्वांचल के जिलों में घर-घर सर्वे कर बुनकरों का बैंक विवरण और मोबाइल नंबर जुटाया जा रहा है।

UP Weaver

UP Weaver Samman Nidhi: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार किसानों के बाद अब प्रदेश के पावरलूम बुनकरों को बड़ी आर्थिक राहत देने की तैयारी में है। ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ की तर्ज पर तैयार की गई इस नई योजना के तहत बुनकरों को हर तीन महीने (तिमाही) पर एक निश्चित धनराशि सीधे उनके बैंक खातों में डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से भेजी जाएगी। शासन के निर्देश पर हथकरघा विभाग ने इसके लिए व्यापक स्तर पर घर-घर सर्वे अभियान शुरू कर दिया है।

इस सर्वे का मुख्य उद्देश्य पात्र बुनकरों का बैंक खाता नंबर, आईएफएससी कोड और मोबाइल नंबर एकत्र करना है ताकि भुगतान प्रक्रिया पारदर्शी बनी रहे। जिन बुनकरों के पास बैंक खाते नहीं हैं, उन्हें तत्काल खाता खुलवाने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे कोई भी पात्र लाभार्थी इस सरकारी सहायता से वंचित न रह जाए।

पूर्वांचल के जिलों पर मुख्य फोकस

उत्तर प्रदेश में UP Weaver की एक बड़ी आबादी पूर्वांचल के वाराणसी, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर जिलों में निवास करती है। लंबे समय से आर्थिक तंगी और संसाधनों के अभाव से जूझ रहे इन बुनकरों को सशक्त बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है। आंकड़ों के अनुसार, आजमगढ़ मंडल में पावरलूम कनेक्शनों की संख्या प्रदेश में सबसे अधिक है। अकेले मऊ जिले में 32,000 पावरलूम कनेक्शन हैं, जबकि आजमगढ़ में 6,000 और गाजीपुर में लगभग 1,000 कनेक्शन पंजीकृत हैं। सरकार की मंशा है कि इस योजना के जरिए बुनकरों को वित्तीय स्थिरता प्रदान की जाए ताकि वे अपने पारंपरिक व्यवसाय को और अधिक मजबूती से आगे बढ़ा सकें।

डेटा जुटाने की समय सीमा और प्रक्रिया

UP Weaver Samman Nidhi हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग विभाग इस समय युद्ध स्तर पर डेटा संग्रह के कार्य में जुटा है। विभाग के सहायक आयुक्त अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार, सभी पंजीकृत पावरलूम बुनकरों का विवरण 31 जनवरी तक मुख्यालय को भेजा जाना है। अब तक विभाग ने सैकड़ों बुनकरों का डेटा सफलतापूर्वक एकत्र कर लिया है। सर्वे टीमें हर घर जाकर जानकारी साझा कर रही हैं ताकि डेटा में कोई त्रुटि न हो।

बुनकर उद्योग को मिलेगी नई ऊर्जा

बिजली कनेक्शन के माध्यम से साड़ी और अन्य वस्त्रों की बुनाई करने वाले इन कारीगरों के लिए यह योजना “संजीवनी” साबित हो सकती है। न केवल इससे उनकी दैनिक कार्यक्षमता में सुधार होगा, बल्कि पावरलूम उद्योग में भी नई ऊर्जा का संचार होगा। सरकार का यह कदम राज्य की अर्थव्यवस्था में बुनकरों की भागीदारी बढ़ाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल मानी जा रही है।

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