UPPSC RO-ARO Exam: UPPSC के खिलाफ भड़के छात्र, पुलिस का लाठी चार्ज, प्रयागराज में बेकाबू हालात

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) द्वारा आरओ-एआरओ और पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा की अलग-अलग तिथियाँ निर्धारित करने पर अभ्यर्थी विरोध कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी ने उनकी मांग का समर्थन किया, और सोमवार से प्रयागराज में यूपीपीएससी कार्यालय पर प्रदर्शन की चेतावनी दी।

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UPPSC RO-ARO Exam:प्रयागराज में यूपी लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के बाहर हजारों अभ्यर्थियों का विरोध प्रदर्शन मंगलवार को हिंसक हो गया, जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया। लगभग 10,000 से अधिक युवाओं ने यूपीपीएससी कार्यालय के सामने इकट्ठा होकर अपनी मांगों के समर्थन में जोरदार नारेबाजी की। वे आयोग से पीसीएस और आरओ/एआरओ परीक्षाओं को एक ही दिन आयोजित करने की मांग कर रहे हैं, जिससे उन्हें सभी परीक्षाओं में एकसाथ सम्मिलित होने का समान अवसर मिले।

भीड़ को नियंत्रित करने के लिए स्थानीय पुलिस के साथ-साथ पीएसी और आरएएफ (रैपिड एक्शन फोर्स) को भी तैनात किया गया है। जगह-जगह कड़ी बेरीकेडिंग कर दी गई है ताकि प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित किया जा सके और स्थिति बिगड़ने से पहले काबू में रखी जा सके। पुलिस के लाठीचार्ज से कई छात्रों को चोटें आई हैं, जिससे उनमें भारी रोष है।

युवाओं का कहना है कि विभिन्न तिथियों पर परीक्षाएं आयोजित करने से उनके परीक्षा में बैठने के अवसर सीमित हो जाते हैं, जिससे वे कई बार परीक्षाओं के बीच चयन करने को मजबूर होते हैं। इस संदर्भ में, समाजवादी पार्टी ने भी छात्रों का समर्थन करते हुए इसे युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ बताया है।

यूपीपीएससी द्वारा परीक्षा तिथियों का निर्धारण 

UPPSC ने हाल ही में 2023 के लिए समीक्षा अधिकारी (आरओ)-सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) और प्रांतीय सिविल सेवा (पीसीएस) प्रारंभिक परीक्षाओं के लिए तिथियाँ घोषित की थीं। आरओ-एआरओ परीक्षा 22 और 23 दिसंबर को आयोजित की जाएगी, जबकि पीसीएस परीक्षा 7 और 8 दिसंबर को आयोजित होगी। इस तिथि निर्धारण ने अभ्यर्थियों के बीच असंतोष पैदा कर दिया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि यह तारीखें उनके लिए असुविधाजनक हैं, और दोनों परीक्षाओं को एक ही दिन आयोजित किया जाए, ताकि उन्हें दोनों में से किसी एक को चुनने की कठिनाई न हो।

समाजवादी पार्टी का समर्थन

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अभ्यर्थियों की मांग का समर्थन किया और भाजपा पर आरोप लगाया कि वह जानबूझकर युवाओं को सरकारी नौकरी से वंचित रखने के लिए षड्यंत्र कर रही है। यादव का कहना है कि भाजपा की यह रणनीति बेरोजगार युवाओं को कम वेतन वाले कामों में खींचने की है, ताकि भाजपा के समर्थक उनका आर्थिक शोषण कर सकें। यादव ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा के समर्थक इस आर्थिक लाभ को चुनावों में भाजपा के पक्ष में इस्तेमाल करेंगे।

अभ्यर्थियों की विरोध की चेतावनी

अभ्यर्थियों का कहना है कि UPPSC द्वारा अलग-अलग दिनों में परीक्षा आयोजित करना नियमों के खिलाफ है। उन्होंने पुराने शेड्यूल की वापसी की मांग की है, जिसमें दोनों परीक्षाएँ एक ही दिन होती थीं। एक अभ्यर्थी रमाकांत यादव ने कहा कि अगर आयोग अपनी तिथियों में बदलाव नहीं करता, तो वे सोमवार से विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगे।

सपा का युवा समर्थन

समाजवादी पार्टी ने इस संघर्ष में युवाओं का समर्थन किया है, जो सरकार की नीतियों से नाराज हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि युवाओं को अब भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर आगामी चुनावों में जवाब देना चाहिए। सपा ने वादा किया कि वह अभ्यर्थियों के साथ खड़ी रहेगी और उनकी मांगों को लेकर हर कदम उठाएगी।

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