UP digital highway: बाराबंकी से बहराइच के बीच बनेगा यूपी का पहला डिजिटल हाईवे, जानिए क्या होता है ये

उत्तर प्रदेश में बाराबंकी से बहराइच के बीच प्रदेश का पहला डिजिटल हाईवे बनेगा। यह 101 किलोमीटर लंबा चार लेन का हाईवे सुरक्षित और आरामदायक यात्रा सुनिश्चित करेगा। इसके किनारे ऑप्टिक फाइबर केबल बिछाई जाएगी, जिससे इंटरनेट और टेलीकॉम सेवाएं बेहतर होंगी। निर्माण कार्य मार्च 2025 से शुरू होगा।

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UP digital highway: उत्तर प्रदेश में बाराबंकी से बहराइच के बीच प्रदेश का पहला डिजिटल हाईवे बनने जा रहा है। यह 101 किलोमीटर लंबा चार लेन का राजमार्ग न केवल सफर को सुरक्षित और आरामदायक बनाएगा, बल्कि सड़क सुरक्षा और डिजिटल कनेक्टिविटी में भी क्रांति लाएगा। हाईवे के किनारे ऑप्टिक फाइबर केबल बिछाई जाएगी ताकि बाद में सड़क को खोदने की जरूरत न पड़े। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने सर्वे शुरू कर दिया है, और मार्च 2025 से निर्माण कार्य शुरू होने की योजना है। इस प्रोजेक्ट को केंद्रीय राजमार्ग मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। यह डिजिटल हाईवे लखनऊ, श्रावस्ती एयरपोर्ट, नेशनल हाईवे-27 और भारत-नेपाल सीमा से जुड़ेगा।

डिजिटल हाईवे की विशेषताएं

बाराबंकी-बहराइच हाईवे को digital highway के रूप में विकसित किया जाएगा। इसमें एडवांस टेक्नोलॉजी और कनेक्टिविटी के जरिए सड़क को स्मार्ट बनाया जाएगा। पूरे मार्ग पर ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई जाएगी, जो टेलीकॉम और इंटरनेट सेवाओं के लिए इस्तेमाल होगी। इससे सड़क को बार-बार खोदने की जरूरत खत्म होगी। कंपनियां इन केबल्स को वेब पोर्टल के जरिए पट्टे पर ले सकेंगी।

digital highway का उद्देश्य यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाना है। इसमें 24 घंटे का नेटवर्क और कदम-कदम पर एनपीआर कैमरे लगाए जाएंगे। दुर्घटनाओं को रोकने के लिए इलेक्ट्रॉनिक अलर्ट सिस्टम और सड़क सुरक्षा के आधुनिक उपाय भी लागू किए जाएंगे। बाराबंकी से बहराइच तक का यह मार्ग वर्तमान में दो लेन का है, जिसे चार लेन में विस्तारित किया जाएगा। एनएच-927 के इस हिस्से को डिजिटल हाईवे में तब्दील करने के लिए भूमि पैमाइश और सर्वे कार्य जारी है। लखनऊ परियोजना निदेशक एनएचएआई, सौरभ कनौजिया ने बताया कि यह प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश में आधुनिक सड़क निर्माण का एक बड़ा कदम है।

हादसे मुक्त यात्रा

digital highway रात के समय पूरी तरह रोशनी से जगमग रहेगा, जिससे सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सकेगा। चालक को हर मोड़ और संभावित खतरे के बारे में अलर्ट किया जाएगा। हाईवे पर वाहन चालकों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी। एनएचएआई की योजना देश में 10,000 किलोमीटर डिजिटल हाईवे बनाने की है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और हैदराबाद-बेंगलुरु कॉरिडोर जैसे प्रोजेक्ट पहले ही शुरू हो चुके हैं। बाराबंकी-बहराइच हाईवे इस दिशा में यूपी का पहला कदम है।

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