Uttar Pradesh CNG price hike: उत्तर प्रदेश के लखनऊ और आगरा में गुरुवार से सीएनजी की कीमतों में बड़ी वृद्धि हो गई है, जिससे आम जनता और खासकर कमर्शियल वाहन चालकों को महंगाई का सामना करना पड़ेगा। अब CNG का दाम 96.75 रुपये प्रति किलो हो गया है, जबकि पेट्रोल की कीमत 95 रुपये के आसपास है। यह वृद्धि राज्य के लोगों के लिए एक और झटका साबित हो रही है, खासकर त्योहारों के मौसम में। इस बढ़ोतरी के बाद टैक्सी संचालक किराए में वृद्धि की मांग कर सकते हैं, जिसका असर आम जनमानस पर पड़ेगा। चुनावी माहौल के बीच सीएनजी के दामों में वृद्धि ने विपक्षी दलों को भी सरकार पर हमला करने का एक नया मौका दिया है।
CNG की कीमतों में वृद्धि का कारण
गुरुवार सुबह 6 बजे से लखनऊ और आगरा में CNG के दामों में 2.75 रुपये प्रति किलो की वृद्धि की घोषणा की गई। अब लखनऊ और आगरा में सीएनजी की नई कीमत 96.75 रुपये प्रति किलो हो गई है, जबकि इससे पहले यह 94 रुपये प्रति किलो थी। ग्रीन गैस लिमिटेड के एजीएम मार्केटिंग, प्रवीण सिंह ने बताया कि यह वृद्धि घरेलू प्राकृतिक गैस के कोटे में 20 प्रतिशत की कटौती के कारण की गई है। इस कटौती का असर तेल की कीमतों पर भी देखने को मिल सकता है, जिससे सीएनजी की कीमत में इजाफा हुआ है।
लखनऊ व आगरा में बढ़े CNG के दाम
CNG की कीमतों में 2.75 रुपये की वृद्धि
आज सुबह से ही नई कीमतें लागू
अब 96.75 रुपये प्रति किलो होगी कीमत
घरेलू प्राकृतिक गैस का कोटा घटने की वजह से बढ़ी क़ीमत#Lucknow #CNG pic.twitter.com/S9z3ORhoFd
— News1India (@News1IndiaTweet) November 21, 2024
कमर्शियल वाहनों पर प्रभाव
CNG के दामों में वृद्धि का सबसे बड़ा असर कमर्शियल वाहन चालकों पर पड़ेगा। लखनऊ में लगभग 80 हजार सीएनजी वाहन हैं, जिनमें टैक्सियां प्रमुख हैं। सीएनजी की बढ़ी हुई कीमतों के चलते टैक्सी संचालक किराए में भी वृद्धि की मांग कर सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप आम जनता को यात्रा करने में और अधिक खर्च करना पड़ सकता है। इस वृद्धि से खासकर गरीब और मध्यम वर्ग के लोग प्रभावित होंगे, जो पहले से महंगाई का सामना कर रहे हैं।
विपक्ष का हमला
CNG के दामों में वृद्धि के बाद विपक्षी दलों ने सरकार को घेरने का मौका हासिल कर लिया है। उपचुनाव के मतदान के बाद सीएनजी के दामों में यह बढ़ोतरी की गई, जिससे यह सवाल उठने लगा है कि क्या सरकार ने जानबूझकर चुनावी प्रक्रिया के बाद कीमतों में वृद्धि की है। विपक्षी दलों का कहना है कि यह एक साजिश के तहत किया गया कदम है, ताकि चुनाव परिणामों के बाद जनता को और ज्यादा आर्थिक बोझ का सामना करना पड़े।
सीएनजी की कीमतों में वृद्धि से आम लोगों के साथ-साथ कारोबारियों के लिए भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सरकार को इस पर शीघ्र कोई ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि महंगाई के इस बोझ से जनता को राहत मिल सके।