प्रदेश में कहीं भी उर्वरक की कमी नहीं, कालाबाजारी पर CM योगी सख्त, किसानों से अपील

उत्तर प्रदेश में खाद की कोई कमी नहीं है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों से अनावश्यक भंडारण न करने की अपील की और कालाबाजारी करने वालों को कड़ी चेतावनी दी। प्रदेश में पिछले साल से अधिक उर्वरक वितरण हुआ है।

CM Yogi

CM Yogi Warning: उत्तर प्रदेश में हाल ही में खाद की उपलब्धता को लेकर चर्चा तेज हो गई है। कई जिलों में यूरिया की लंबी-लंबी लाइनों के चलते किसानों ने असंतोष जताया, जबकि विपक्षी दल भी CM Yogi पर हमलावर हैं। समाजवादी पार्टी के प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है और यह सरकार में गंभीर संकट का संकेत है। इसी बीच यूपी सरकार ने स्पष्ट किया कि प्रदेश में खाद की कोई कमी नहीं है और पिछले वर्ष की तुलना में इस साल अधिक खाद वितरण किया जा चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों से अनावश्यक भंडारण न करने और जरूरत के अनुसार ही उर्वरक लेने की अपील की है।

खाद की उपलब्धता और बिक्री में वृद्धि

कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार, खरीफ सत्र 2024 में 18 अगस्त तक 42.64 लाख मीट्रिक टन उर्वरक की बिक्री हो चुकी है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 36.76 लाख मीट्रिक टन बिक्री हुई थी। यूरिया की बात करें तो पिछले साल 27.25 लाख मीट्रिक टन वितरण हुआ था, इस साल अब तक 31.62 लाख मीट्रिक टन यूरिया किसानों को मिल चुका है। इसी तरह डीएपी की बिक्री 5.38 लाख मीट्रिक टन, एनपीके 2.39 लाख मीट्रिक टन, एमओपी 0.46 लाख मीट्रिक टन और एसएसपी 2.79 लाख मीट्रिक टन हो चुकी है।

CM योगी की अपील और चेतावनी

CM Yogi आदित्यनाथ ने किसानों से अनुरोध किया कि वे खाद का अनावश्यक भंडारण न करें और केवल आवश्यकतानुसार ही खरीद करें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे समय-समय पर निरीक्षण करें, किसानों से संवाद स्थापित करें और किसी भी समस्या को तुरंत निस्तारित करें। कालाबाजारी और ओवररेटिंग करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।

जिलेवार स्थिति और खरीद की जानकारी

प्रदेश में यूरिया की उपलब्धता 18 अगस्त तक 37.70 लाख मीट्रिक टन थी, जिसमें से 31.62 लाख मीट्रिक टन की खरीद किसानों ने कर ली। डीएपी की उपलब्धता 9.25 लाख मीट्रिक टन और खरीदी 5.38 लाख मीट्रिक टन हुई। एनपीके की उपलब्धता 5.40 लाख मीट्रिक टन थी, जिसमें से 2.39 लाख मीट्रिक टन बिक चुका है। मुख्य फसल धान में टॉप-ड्रेसिंग के लिए प्रतिदिन औसतन 49,564 मीट्रिक टन यूरिया की खपत हो रही है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 16.04% अधिक है।

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