UP Teachers: उत्तर प्रदेश में शिक्षकों के तबादले पर सरकार का बड़ा फैसला, सहमति से होगी प्रक्रिया

उत्तर प्रदेश सरकार ने बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों के लिए परस्पर तबादले की प्रक्रिया को मंजूरी दे दी है। अब शिक्षक जिले के अंदर आपसी सहमति से तबादला कर सकेंगे। यह प्रक्रिया 31 दिसंबर से 14 जनवरी के बीच पूरी की जाएगी, जिससे शिक्षकों में खुशी की लहर है।

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UP Teachers Mutual Transfer: उत्तर प्रदेश सरकार ने बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है। लंबे समय से परस्पर तबादले की मांग कर रहे शिक्षकों को अब जिले के अंदर आपसी सहमति से तबादले का मौका मिलेगा। परिषदीय विद्यालयों में तैनात शिक्षक अपने सहकर्मियों के साथ आपसी सहमति से स्थान बदल सकेंगे। बेसिक शिक्षा विभाग ने इस प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। 31 दिसंबर से 14 जनवरी के बीच सर्दियों की छुट्टियों के दौरान यह प्रक्रिया पूरी की जाएगी। ऑनलाइन आवेदन के माध्यम से इसे पारदर्शी बनाया जाएगा। शिक्षकों और शिक्षा विभाग के लिए यह नया साल नई उम्मीदें और उत्साह लेकर आया है।

जिले के अंदर परस्पर तबादले को मिली मंजूरी

बेसिक शिक्षा विभाग ने UP Teachers के परस्पर तबादले के लिए जरूरी शासनादेश जारी कर दिया है। प्रक्रिया के तहत प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों को कक्षा 1 से 5 तक के लिए किसी विशेष विषय की बाध्यता नहीं होगी। वहीं, उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए विषयवार वर्गीकरण का पालन किया जाएगा।

शिक्षकों के स्थानांतरण ठंड और गर्मी की छुट्टियों में किए जाएंगे। इस प्रक्रिया में जिला स्तर पर डाइट प्राचार्य की अध्यक्षता में एक समिति गठन की गई है, जो तबादले सुनिश्चित करेगी।

ऑनलाइन होगा आवेदन और आदेश

तबादला प्रक्रिया को डिजिटल रूप से पारदर्शी बनाने के लिए शिक्षकों से आवेदन ऑनलाइन मांगे जाएंगे। बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव एमके सुंदरम ने बताया कि ऑनलाइन प्रक्रिया से पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। आवेदन स्वीकृत होने के बाद तबादले का आदेश भी ऑनलाइन जारी होगा।

हालांकि, जिन शिक्षकों पर विभागीय जांच या कार्रवाई लंबित है, उन्हें तबादले का लाभ नहीं मिलेगा। जांच पूरी होने के बाद ही वे इस प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे।

UP Teachers में खुशी की लहर

सरकार के इस फैसले से शिक्षकों के बीच खुशी का माहौल है। वर्षों से तबादले की मांग कर रहे शिक्षक इसे राहत भरा कदम मान रहे हैं। परिषदीय विद्यालयों में अब शिक्षकों को अपने घरों के पास या सुविधाजनक स्थानों पर सेवाएं देने का अवसर मिलेगा।

यह कदम न केवल शिक्षकों के लिए लाभकारी है, बल्कि स्कूलों में शिक्षण कार्य को बेहतर और प्रभावी बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण साबित होगा।

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