Uttar Pradesh fruit tree plantation initiative : उत्तर प्रदेश सरकार अब हरियाली को बढ़ावा देने के साथ-साथ जानवरों और किसानों की मदद करने की तैयारी में है। राज्य में नदियों और सड़कों के किनारे 7 करोड़ से भी ज्यादा फलदार पौधे लगाने की योजना बनाई गई है। इसमें आम, जामुन, आंवला, इमली, बेल, सहजन, शहतूत, जंगल जलेबी, बेर, कैथा, बहेड़ा और महुआ जैसे देसी पेड़ शामिल हैं। वन विभाग इस काम के लिए सरकारी खाली ज़मीन की पहचान कर रहा है। यही नहीं, विभाग की नर्सरियों में पहले से ही करीब 11.12 करोड़ फलदार पौधे तैयार हैं। ये पौधे अगले मानसून में लगाए जाएंगे।
बंदरों की मिटेगी भूख, किसानों को भी राहत
इस कदम से दो बड़े फायदे होंगे। पहला, बंदरों को खाने के लिए जंगल-जैसे फलदार पेड़ मिलेंगे, जिससे वे गांवों में घुसपैठ कम करेंगे। दूसरा, किसान भी इन पेड़ों से लाभ कमा सकेंगे। कई बार बंदर फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं, लेकिन अगर उन्हें जंगलों और सड़कों किनारे फलदार पेड़ मिलेंगे, तो वे खेतों में नहीं जाएंगे।
पुराने आदेश को अब मिल रही अहमियत
साल 1990 में एक शासनादेश आया था, जिसमें कहा गया था कि हर मानसून सीजन में जितने भी पेड़ लगाए जाएं, उनमें कम से कम 20% फलदार पेड़ होने चाहिए। लेकिन इस नियम का लंबे समय से पालन नहीं हो रहा था। अब सरकार ने इसे दोबारा लागू करने का फैसला लिया है। वन विभाग को इस साल मानसून में कुल 35 करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य मिला है। इनमें से कम से कम 7 करोड़ पौधे फलदार होंगे।
सभी जिलों को दिए गए सख्त निर्देश
यूपी के वन बल प्रमुख सुनील चौधरी ने बताया कि राज्य की नर्सरियों में इस समय कुल 45.37 करोड़ पौधे उपलब्ध हैं, जिनमें से 11.12 करोड़ फलदार हैं। सभी ज़िलों के डीएफओ (डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर) को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे कम से कम 20% फलदार पौधे ज़रूर लगवाएं।
राम नगरी अयोध्या में भी लगेेंगे औषधीय पौधे
सरकार अयोध्या को भी हरा-भरा और औषधीय पौधों से समृद्ध बनाने जा रही है। राम मंदिर क्षेत्र में लगभग 38 लाख फलदार और औषधीय पौधे लगाए जाएंगे। इसका उद्देश्य अयोध्या को प्राकृतिक सुंदरता और आयुर्वेदिक महत्व दोनों में आगे बढ़ाना है।