Christmas Holiday Update :उत्तर प्रदेश में क्रिसमस की छुट्टियों को लेकर योगी सरकार ने इस बार एक अहम और चौंकाने वाला फैसला लिया है। जहां देश के कई राज्यों में क्रिसमस और शीतकालीन अवकाश की शुरुआत हो चुकी है, वहीं उत्तर प्रदेश के स्कूलों में 25 दिसंबर को सामान्य रूप से पढ़ाई होगी। सरकार ने साफ निर्देश दिए हैं कि गुरुवार, 25 दिसंबर को प्रदेश के सभी सरकारी और मान्यता प्राप्त स्कूल खुले रहेंगे और छात्रों की उपस्थिति अनिवार्य होगी।
इस फैसले के पीछे मुख्य वजह देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी है। सरकार इस दिन को खास बनाने के लिए स्कूलों में विशेष कार्यक्रम आयोजित करना चाहती है, ताकि छात्र अटल जी के जीवन, विचारों और देश के लिए उनके योगदान को समझ सकें।
अटल जयंती पर सुशासन दिवस का आयोजन
योगी सरकार ने 25 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती के अवसर पर ‘सुशासन दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इसी वजह से क्रिसमस की छुट्टी रद्द की गई है। शिक्षा विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि स्कूलों में इस दिन विशेष गतिविधियां आयोजित की जाएं। स्कूलों में वाद-विवाद प्रतियोगिता, निबंध लेखन, भाषण, पोस्टर प्रदर्शनी और सांस्कृतिक कार्यक्रम कराए जाएंगे। इन कार्यक्रमों के जरिए छात्रों को अटल बिहारी वाजपेयी के राजनीतिक जीवन, उनकी नीतियों और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान के बारे में जानकारी दी जाएगी।
दूसरे राज्यों से अलग है यूपी का फैसला
उत्तर प्रदेश का यह निर्णय देश के कई अन्य राज्यों से बिल्कुल अलग है। केरल, राजस्थान और पंजाब जैसे राज्यों में क्रिसमस के साथ-साथ सर्दियों की लंबी छुट्टियां घोषित की गई हैं।
केरल में 24 दिसंबर से ही स्कूल बंद हो चुके हैं और अब 5 जनवरी को खुलेंगे। राजस्थान सरकार ने 25 दिसंबर से 5 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश घोषित किया है। वहीं पंजाब में सबसे लंबी छुट्टियां दी गई हैं, जहां स्कूल 22 दिसंबर से 10 जनवरी तक बंद रहेंगे।
इसके अलावा दिल्ली, हरियाणा, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में भी 25 दिसंबर को क्रिसमस के मौके पर स्कूलों में अवकाश रहेगा।
क्यों खास माना जा रहा है यह फैसला
उत्तर प्रदेश में बीते कई वर्षों से 25 दिसंबर को क्रिसमस के कारण सार्वजनिक अवकाश रहता आया है और स्कूल बंद रहते थे। लेकिन इस बार अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी होने के कारण सरकार ने परंपरा से हटकर फैसला लिया है।
सरकार का मानना है कि इस तरह के आयोजनों से छात्रों में राष्ट्रीय विचारधारा, सुशासन और लोकतांत्रिक मूल्यों की समझ विकसित होगी। साथ ही नई पीढ़ी को देश के महान नेताओं से सीखने का अवसर भी मिलेगा।
