Uttar Pradesh tourism: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार राज्य को पर्यटन के केंद्र में लाने की दिशा में लगातार प्रयासरत है। विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से राज्य का पर्यटन विभाग अब स्पेन की राजधानी मैड्रिड और जर्मनी के बर्लिन में आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन उद्योग मेलों में भाग लेगा। यह आयोजन 24 से 28 जनवरी 2024 को मैड्रिड में और 4 से 6 मार्च 2024 को बर्लिन में होगा। इन आयोजनों में उत्तर प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों, ऐतिहासिक धरोहरों और सांस्कृतिक विविधताओं को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित किया जाएगा। सरकार का उद्देश्य है कि प्रदेश को विदेशी पर्यटकों के लिए एक प्रमुख गंतव्य के रूप में स्थापित किया जाए।
पर्यटन स्थलों का वैश्विक प्रचार
Uttar Pradesh tourism पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि इन आयोजनों में उत्तर प्रदेश के 12 टूरिज्म सर्किट, “एक जिला, एक उत्पाद” (ओडीओपी), और राज्य की हस्तशिल्प कलाओं का प्रदर्शन किया जाएगा। प्रदर्शनी 40 वर्ग मीटर क्षेत्र में आयोजित होगी, जहां पर्यटकों को प्रदेश की समृद्ध विरासत, सांस्कृतिक उत्सवों और आधुनिक पर्यटन सुविधाओं से अवगत कराया जाएगा।
मेले में एक डिजिटल इंटरएक्टिव ज़ोन बनाया जाएगा, जिसमें वीवीआईपी लाउंज, सेल्फी प्वाइंट और डिजिटल माध्यमों से दर्शकों को जोड़ा जाएगा। साथ ही, राज्य के पर्यटन मानचित्र, प्रचार सामग्रियां और फिल्में वितरित की जाएंगी।
व्यवसायिक और सांस्कृतिक लाभ
Uttar Pradesh tourism पर्यटन विभाग ने आयोजन के दौरान बिजनेस-टू-बिजनेस (B2B) और बिजनेस-टू-कंज्यूमर (B2C) बैठकों के जरिए राज्य के पर्यटन को बढ़ावा देने की योजना बनाई है। टूर ऑपरेटरों और अन्य हितधारकों के साथ सीधा संवाद स्थापित कर प्रदेश को अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर उभारा जाएगा।
मंत्री ने बताया कि इस मेले में उत्तर प्रदेश को “नए भारत का नया प्रदेश” के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा, जहां आधुनिक सुरक्षा, परिवहन और कनेक्टिविटी उपलब्ध हैं। इस मौके पर बौद्ध सर्किट, महाकुंभ-2025, ईको-पर्यटन और वेलनेस पर्यटन की संभावनाओं को विशेष रूप से उजागर किया जाएगा।
पर्यटन को नई पहचान
योगी सरकार ने Uttar Pradesh tourism को राजस्व का प्रमुख स्रोत बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। विदेशी सैलानी हर साल बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश आते हैं और यहां के पर्यटक स्थलों की तारीफ करते हैं।
इस पहल का मकसद प्रदेश की संस्कृति, इतिहास और आध्यात्मिक धरोहरों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाना है।
“भगवान बुद्ध की भूमि उत्तर प्रदेश” जैसे आकर्षक स्लोगनों के माध्यम से दर्शकों का ध्यान खींचा जाएगा।
महाकुंभ-2025 की तैयारी और राज्य के सांस्कृतिक उत्सवों का प्रचार इन आयोजनों का मुख्य आकर्षण रहेगा।
इन आयोजनों के जरिए सरकार को उम्मीद है कि उत्तर प्रदेश वैश्विक पर्यटन का नया केंद्र बन सकेगा।