Varanasi Court Violence Incident: वाराणसी कचहरी में मंगलवार को एक चौंकाने वाली घटना सामने आई। यहाँ वकीलों ने गो-वध निषेध अधिनियम के तहत रिमांड पर्ची लेने आए दारोगा मिथिलेश प्रजापति और एक सिपाही को घेरकर बेरहमी से पीटा। दारोगा की वर्दी तक फाड़ दी गई और उसे गंभीर हालत में बीएचयू ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार और डीआईजी शिवहरि मीणा भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुँचे और पूरे परिसर को खाली कराया।
हमला कैसे हुआ
बताया गया कि दोपहर करीब ढाई बजे दारोगा मिथिलेश प्रजापति रिमांड पर्ची लेने कोर्ट कार्यालय पहुँचे थे। परिवार न्यायालय के निचले तल पर जैसे ही वह पहुंचे, अधिवक्ताओं ने उन्हें घेर लिया और हमला कर दिया। खुद को बचाने के लिए दारोगा अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के कार्यालय में घुस गए, लेकिन अधिवक्ताओं ने दरवाजा धक्का देकर खोल दिया। अंदर मौजूद कोर्ट मोहर्रिर को भी पीटा गया। दारोगा को बाहर निकालते समय नाली में गिरने से सिर में गंभीर चोट आई और वह बेहोश हो गए। पुलिस उन्हें जिला अस्पताल ले गई, जहाँ से बीएचयू ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया।
विवाद की जड़
पूरा मामला बड़ागांव थाना क्षेत्र के पुआरी खुर्द गांव में दो पक्षों के बीच चल रहे जमीन विवाद से जुड़ा है। एक पक्ष का आरोप था कि अस्थायी रोक आदेश के बावजूद निर्माण किया जा रहा था। वहीं दूसरा पक्ष प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वैध निर्माण कर रहा था। पहले भी झगड़े हो चुके थे और कई मुकदमे दर्ज थे। समाधान दिवस पर बहस के बाद पुलिस ने शांति भंग में दोनों पक्षों का चालान किया। वकीलों का आरोप है कि इसी दौरान दारोगा ने वकील की पिटाई की थी, जिससे गुस्सा बढ़ गया।
पुलिस की कार्रवाई और अपील
डीएम और डीआईजी ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से दोषियों की पहचान कर कार्रवाई शुरू कर दी है। बनारस बार ने वकीलों से कचहरी खाली कर अपने घर जाने की अपील की। महामंत्री राजेश गुप्ता ने कहा कि घटना से बार का कोई संबंध नहीं है और दोषियों की मदद नहीं की जाएगी। साथ ही कल सेंट्रल बार में बैठक कर मेमोरेंडम जारी करने का फैसला लिया गया।