Varanasi Coach Crime Case : वाराणसी के भेलूपुर थाने की पुलिस ने उस क्रिकेट कोच को गिरफ्तार कर लिया है, जिस पर किशोर खिलाड़ियों के साथ कुकर्म करने का गंभीर आरोप है। इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब एक किशोर ने अपनी तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल में सच बताई और उसके परिजनों ने तुरंत पुलिस में शिकायत की। गिरफ्तारी के समय आरोपित कोच रोते और दया की भीख माँगता दिखा।
पहले भी ऐसी हरकत कर जा चुका है जेल
एसीपी भेलूपुर गौरव कुमार के अनुसार, पकड़ गया कोच मुरारी लाल उर्फ गौतम गोड़ जंसा थाना क्षेत्र के मीरावन गांव का रहने वाला है और सीर गोवर्धनपुर इलाके में बच्चों को क्रिकेट की ट्रेनिंग देता था। हैरानी की बात यह है कि वह पहले भी ऐसे ही मामले में पकड़ा जा चुका है। वर्ष 2021 में उस पर एक किशोर के साथ कुकर्म और धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ था और तब भी उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
टीम में चयन का झांसा देकर करता रहा शोषण
कोच ने अपनी ऊँची जान-पहचान का हवाला देकर बच्चों को यह भरोसा दिलाया कि वह उन्हें उत्तर प्रदेश की अंडर-14 क्रिकेट टीम में शामिल करा सकता है। उसके पास 14 और 15 साल के दो किशोर नियमित रूप से अभ्यास के लिए आते थे। पहले उसने एक किशोर को मेडिकल जांच कराने के नाम पर अकेले बुलाया और उसके साथ गलत काम किया। इसके बाद वह दूसरे किशोर का लगातार तीन दिन तक शोषण करता रहा, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ गई। जब हालत गंभीर हुई तो उसकी मां उसे अस्पताल ले गई, जहां डॉक्टरों ने पूछताछ में पूरी सच्चाई उजागर कराई।
पॉक्सो एक्ट में केस दर्ज
घटना की जानकारी मिलते ही परिजनों ने भेलूपुर थाने में पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया। थाना प्रभारी सुधीर कुमार त्रिपाठी और उनकी टीम ने तेजी दिखाते हुए आरोपी को पकड़ लिया। पुलिस टीम में दुर्गाकुंड चौकी प्रभारी विकास मिश्रा, सब इंस्पेक्टर लवकुश यादव, और अन्य पुलिसकर्मी शामिल रहे।
एसीपी ने बताया कि आरोपी की हरकतों की वजह से उसकी पत्नी भी उससे तलाक ले चुकी है। वह हमेशा नाबालिग लड़कों को ही निशाना बनाता था, जिस कारण उसके खिलाफ कई शिकायतें पहले भी मिल चुकी थीं।
घटना से खेल जगत और समाज में आक्रोश
इस शर्मनाक घटना ने खेल जगत के साथ पूरे समाज को हिला दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चों को प्रशिक्षित करने वाले कोचों के चयन में कड़ी जांच और पृष्ठभूमि सत्यापन आवश्यक है। ऐसी घटनाएं न केवल बच्चों को मानसिक आघात देती हैं, बल्कि उनके परिवारों को भी गहरे सदमे में डाल देती हैं। इसलिए समाज को सतर्क रहकर ऐसे मामलों में तुरंत कार्रवाई का समर्थन करना चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी कोच बच्चों का शोषण न कर सके।
