वीडियोकॉन का धमाका: गोरखपुर में ₹1100 करोड़ का निवेश, 6000 युवाओं को मिलेगा रोजगार!

वीडियोकॉन समूह गोरखपुर के धुरियापार में ₹1100 करोड़ का निवेश कर एक विशाल इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित करेगा। 50 एकड़ में फैले इस प्रोजेक्ट से करीब 6000 लोगों को रोजगार मिलेगा, जिससे पूर्वांचल उत्तर भारत के नए इंडस्ट्रियल हब के रूप में उभरेगा।

Videocon Investment Gorakhpur: उत्तर प्रदेश के औद्योगिक परिदृश्य में एक बड़ा बदलाव आने वाला है। देश की प्रतिष्ठित कंपनी वीडियोकॉन ने गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) के तहत धुरियापार क्षेत्र में ₹1100 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया है। इस भारी-भरकम निवेश के माध्यम से कंपनी 50 एकड़ भूमि पर एक अत्याधुनिक विनिर्माण इकाई स्थापित करेगी, जहाँ एलईडी टीवी, रेफ्रिजरेटर और मोबाइल फोन का बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जाएगा। यह कदम न केवल उत्तर प्रदेश की ‘इलेक्ट्रॉनिक सिटी’ के सपने को मजबूती देगा, बल्कि गोरखपुर को उत्तर भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर के रूप में भी स्थापित करेगा। इस Videocon परियोजना से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 6000 युवाओं को रोजगार मिलने की उम्मीद है, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था और तकनीकी विकास के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगा।

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मुख्य समाचार: धुरियापार बनेगा औद्योगिक केंद्र

विशाल उत्पादन क्षमता और रोजगार

Videocon के इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का मुख्य फोकस रेफ्रिजरेटर उत्पादन पर है। Videocon  कंपनी ने यहाँ प्रति वर्ष 6 लाख फ्रिज बनाने का लक्ष्य रखा है। गीडा की सीईओ अनुज मलिक के अनुसार, कंपनी के प्रतिनिधियों के साथ रोडमैप पर विस्तृत चर्चा हो चुकी है। इस प्लांट से 3000 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार और 3000 लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से काम मिलेगा, जिससे तकनीकी छात्रों के साथ-साथ अकुशल कारीगरों को भी लाभ होगा।

दिग्गज कंपनियों की कतार

धुरियापार का औद्योगिक कॉरिडोर अब तेजी से आकार ले रहा है। यहाँ वीडियोकॉन के अलावा अदाणी सीमेंट, कैंपा कोला, केयान ग्रुप और अंबानी ग्रुप जैसे बड़े नाम पहले ही निवेश की प्रक्रिया शुरू कर चुके हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स क्लस्टर के विकसित होने से कई छोटी सहायक इकाइयों (Vendor Units) को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे एक पूरा इकोसिस्टम तैयार होगा।

नीतियों का असर

लघु उद्योग भारती के प्रांतीय अध्यक्ष दीपक कारीवाल ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार की अनुकूल औद्योगिक नीतियों और बेहतर कानून व्यवस्था के कारण ही बड़ी कंपनियां अब पूर्वांचल का रुख कर रही हैं। आधारभूत संरचना (Infrastructure) के विकास से यह क्षेत्र आने वाले समय में देश के प्रमुख औद्योगिक केंद्रों में गिना जाएगा।

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