लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। कुंडा विधायक राजा भैया के बारे में कहा जाता है कि वह कभी किसी नेता को अपशब्द नहीं कहते। चुनाव प्रचार के दौरान राजा भैया मर्यादा बनाकर चलते हैं। विपक्षी उन पर जुबान से हमला भी करते हैं, लेकिन वह कभी भी जुबान से पलटवार नहीं करते। वह अपने सियासी दुश्मनों को राजनीति के मैदान में चित कर बदला लेते हैं। जब मायावती ने उन्हें सलाखों के पीछे भिजवाया, तब भी वह खामोस रहे। सरकार में मंत्री बनाए गए, लेकिन एक बार भी कभी बीएसपी चीफ के खिलाफ गलत बयान नहीं दिया। हां राजा भैया ने यूपी की राजनीति से बीएसपी के सफाए में जरूर अहम रोल निभाया। जब राजा भैया के करीबी रहे गुलशन यादव ने आंख दिखाई। जनसभाओं के दौरान गंदीबात की, फिर भी कुंडा विधायक शांत रहे। अब इन्हीं गुलशन के खिलाफ यूपी पुलिस ऑपरेशन चलाए हुए है।
गुलशन यादव पर बढ़ी इनाम की राशि
सपा नेता गुलशन यादव के खिलाफ एक साल पहले मानिकपुर के मऊदारा गांव में कुर्क जमीन बेचने का मुकदमा मानिकपुर थाने में दर्ज हुआ था। तब से वह फरार हैं। पुलिस की कई टीमें उनकी गिरफ्तारी को लेकर ऑपरेशन चलाए हुए हैं। लेकिन गुलशन पुलिस के हत्थे नहीं लग रहे। ऐसे में पुलिस ने पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष कुंडा गुलशन यादव पर घोषित इनाम की धनराशि बढ़ा दी गई है। सबसे पहले पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार ने गुलशन पर 25 हजार का इनाम घोषित किया गया था। उसके बाद दूसरी बार आइजी ने उसे बढ़ाकर 50 हजार कर दिया। इधर, पुलिस लगातार उन्हें पकड़ने का प्रयास भी करती रही। वह नहीं मिले। सोमवार को एडीजी प्रयागराज डॉ. संजीव गुप्ता ने एक लाख का इनाम घोषित कर दिया। सूत्र बताते हैं कि गुलशन को दबोचने के लिए पुलिस के साथ ही एसटीएफ को भी लगाया गया है।
गुलशन पर 55 से अधिक मुकदमे दर्ज
गुलशन पर हत्या, लूट, छिनैती, अपहरण का प्रयास, गैंगस्टर और गुंडा एक्ट समेत 55 मुकदमे अलग-अलग थानों में उन पर दर्ज हैं। गुलशन का भाई छविनाथ यादव सपा का जिलाध्यक्ष है। वह एससी-एसटी मुकदमे में जमानत न होने से काफी समय से जेल में बंद है। गुलशन यादव के खिलाफ चल रही कार्रवाई केवल इनाम तक सीमित नहीं है। उनके खिलाफ अवैध तरीके से अर्जित संपत्तियों पर भी शिकंजा कसने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। अब तक उनके नाम और परिवारजनों के नाम पर मौजूद लगभग 7.15 करोड़ की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है। इसमें लखनऊ और प्रतापगढ़ में लगभग 2.5 करोड़ की अचल संपत्तियां शामिल हैं, जिन्हें पहले ही कुर्क किया जा चुका है। हाल ही में गैंगस्टर एक्ट के तहत उसकी पत्नी सीमा यादव के नाम पर लखनऊ के शारदा नगर में 1.10 करोड़ की जमीन को भी कुर्क की गई है।
कौन हैं गुलशन यादव
गुलशन यादव का जन्म प्रतापगढ़ जिले के कुंडा इलाके के मऊदारा गांव में हुआ। उनके पिता का नाम सुंदर लाल यादव है। उनके तीन भाई हैं। प्रारंभ में वे राजा भैया (रघुराज प्रताप सिंह) के करीबी माने जाते थे। जानकार बताते हैं कि एक वक्त गुलशन राजा भाईया के कार चलाया करते थे। राजा के करीब आने के बाद उनकी भी कुडा में तूती बोलने लगी। गुलशन यादव भी विधायक बनने का सपना देखने लगे। इसी के चलते उन्होंने राजा भैया से बगावत करते हुए सपा का दामन थामकर 2022 और उससे पहले भी दो बार राजा भैया के खिलाफ कुंडा विधानसभा सीट से चुनाव लड़े। 2022 के चुनाव में गुलशन यादव ने राजा भैया के खिलाफ अपशब्द भी कहे थे। लेकिन जनता ने राजा भैया के पक्ष में वोटिंग कर उन्हें विधायक चुना।
कुंडा की अलग पहचान
गंगा के किनारे बसे प्रतापगढ़ शहर की पहचान असल में कुंडा से है। कुंडा ही वह विधानसभा है, जहां रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की तूती बोलती है। जनता के बीच उनकी लोकप्रियता का अलग ही क्रेज है। राजा भैया 25 साल की उम्र में पहली बार कुंडा से विधायक चुने गए। इसके बाद फिर उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। मुलायम सिंह यादव के करीबी रहे राजा भैया की अखिलेश से अनबन हो गई। सपा प्रमुख ने राजा भैया को कुंडा में हराने के लिए बड़ा प्लान बनाया। राजा के ही कार चालक को गुलशन यादव को सपा में एंट्री करवाई। फिर राजा के खिलाफ ही गुलशन यादव को चुनाव के मैदान में उतार दिया। अखिलेश के गुलशन राजा भैया के सामने नहीं टिक पाए। जनता ने गुलशन के बजाए राजा भैया को अपना जनप्रतिनिधि चुन लिया।